कन्यादान (द्वितीय भाग)
बर्थ डे के दिन सुबह प्राची देर तक सोती रही। जब आंख खुली तो उसके आश्चर्य का ठिकाना न रहा, सूर्य काफी उठ आया था। पापा मम्मी दोनों तैयार सिरहाने खड़े थे और उसे जगा रहे थे। उठते ही उन्होंने बर्थ डे विश किया और नया लैपटाप बर्थ डे पर गिफ्ट किया। प्राची को बहुत खुशी हुई। उसने पापा मम्मी के चरण स्पर्श किये और फिर उनसे लिपट गई। मम्मी ने कहा कि, चल जा दादी का आशीष लेती आ। प्राची दादी के पास जाकर उनके चरण स्पर्श किये और दुआएं ली। फिर तैयार होने चली गई।
रामलालजी सपरिवार जब होटल हिमताज पहुँचे तो उनके आश्चर्य का पारावार न रहा। होटल का मैनेजर खुद उन्हें रिसीव करने के लिए बाहर ही तैयार खड़ा था। उसने गूलाब के फूलों का बूके देते हुए रामलालजी का अभिवादन किया, वेलकम टू होटल हिमताज सर.... उन्हें सपरिवार सेंट्रल हाल में ले जाकर सारी व्यवस्था दिखाई तो रामलालजी की आंखे खुली की खुली रह गई। उन्होंने फोन कर राजेन्द्र बाबू को धन्यवाद दिया और उन्हें परिवार सहित अवश्य आने के लिए अनुरोध किया।
रामलालजी : देखिए राजेन्द्रजी जब तक आप नहीं पहुँचेंगे, प्राची केक नहीं कटेगी।
राजेन्द्र बाबू : मेरी अपनी बेटी का फंसन हैं सर, मैं बिल्कुल आऊंगा और हक से आऊँगा.... आप न बुलाएं तो भी....
रामलालजी : थैंक्यू राजेन्द्रजी....
राजेन्द्र बाबू : सर, किसी भी चीज की जरुरत हो तो मैनेजर को आदेश कर दीजिएगा। वह उसका पालन करेगा, मैंने कह दिया है।
रामलालजी : ओके राजेन्द्रजी।
होटल के कर्मचारीगण खुद ही सारी व्यवस्थाओं में लग गये। मैनेजर ने आग्रह किया कि सर आप इत्मिनान से रहें, हम सारी व्यवस्था कर रहे हैं। गेस्ट के रिसिव की भी आप चिंता न करें, हमने सारी व्यवस्था कर ली है। आप बस पहचान करने के लिए एक व्यक्ति हमारे साथ दे दिजिएगा, बाकी हम सब संभाल लेंगे.... आपको शिकायत का मौका नहीं देंगे.... उसने भरोषा दिलाते हुए बताया।
रामलालजी मेहमानों की लीस्ट देखने लगे। कई वी. आई. पी. थे इसलिए उन्होंने मैनेजर को इतल्ला किया। मैनेजर को एहसास हुआ कि तैयारी को थोड़ा दुरूस्त करने की जरुरत है। वह फिर से योजना में डूब गया। राजेन्द्र सर को जानकारी देकर वह व्यवस्था को और दुरूस्त करने लगा। उसने और लोग काम पर लगा दिए। होटल की सिक्यूरिटी भी टाइट कर दी ताकि सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम रहे। लोकल थाने से थाना प्रभारी ने रामलालजी को फोन किया।
थाना प्रभारी : गुड मॉर्निंग सर! मैं थाना इंचार्ज बोल रहा हूँ। आज आपकी पार्टी में मंत्रीजी और कमिश्नर साहब आने वाले हैं तो हमारी फोर्स होटल पर सुरक्षा में तैनात रहेगी। वह थोड़ी देर में पहुँचने वाली हैं। कोई भी बात हो तो आप मुझसे बात कर सकते हैं। मैं अपना पर्सनल मोबाइल नंबर अभी आपको सेण्ड कर रहा हूँ।
रामलालजी : ओके, थैंक्यू....
मैनेजर के पास भी थाना इंचार्ज का फोन आया। इंचार्ज ने मैनेजर से सुरक्षा का जायजा लिया और अपने फोर्स की तैनाती के बारे में बताया। मैनेजर ने थाना प्रभारी को अपनी तरफ से पूरी कोआपरेशन का भरोषा दिलाया।
थोड़ी देर में थाने से पुलिस फोर्स ने आकर मोर्चा संभाल लिया और होटल का मुआयना कर आने जाने वाले पर कड़ी...
रामलालजी सपरिवार जब होटल हिमताज पहुँचे तो उनके आश्चर्य का पारावार न रहा। होटल का मैनेजर खुद उन्हें रिसीव करने के लिए बाहर ही तैयार खड़ा था। उसने गूलाब के फूलों का बूके देते हुए रामलालजी का अभिवादन किया, वेलकम टू होटल हिमताज सर.... उन्हें सपरिवार सेंट्रल हाल में ले जाकर सारी व्यवस्था दिखाई तो रामलालजी की आंखे खुली की खुली रह गई। उन्होंने फोन कर राजेन्द्र बाबू को धन्यवाद दिया और उन्हें परिवार सहित अवश्य आने के लिए अनुरोध किया।
रामलालजी : देखिए राजेन्द्रजी जब तक आप नहीं पहुँचेंगे, प्राची केक नहीं कटेगी।
राजेन्द्र बाबू : मेरी अपनी बेटी का फंसन हैं सर, मैं बिल्कुल आऊंगा और हक से आऊँगा.... आप न बुलाएं तो भी....
रामलालजी : थैंक्यू राजेन्द्रजी....
राजेन्द्र बाबू : सर, किसी भी चीज की जरुरत हो तो मैनेजर को आदेश कर दीजिएगा। वह उसका पालन करेगा, मैंने कह दिया है।
रामलालजी : ओके राजेन्द्रजी।
होटल के कर्मचारीगण खुद ही सारी व्यवस्थाओं में लग गये। मैनेजर ने आग्रह किया कि सर आप इत्मिनान से रहें, हम सारी व्यवस्था कर रहे हैं। गेस्ट के रिसिव की भी आप चिंता न करें, हमने सारी व्यवस्था कर ली है। आप बस पहचान करने के लिए एक व्यक्ति हमारे साथ दे दिजिएगा, बाकी हम सब संभाल लेंगे.... आपको शिकायत का मौका नहीं देंगे.... उसने भरोषा दिलाते हुए बताया।
रामलालजी मेहमानों की लीस्ट देखने लगे। कई वी. आई. पी. थे इसलिए उन्होंने मैनेजर को इतल्ला किया। मैनेजर को एहसास हुआ कि तैयारी को थोड़ा दुरूस्त करने की जरुरत है। वह फिर से योजना में डूब गया। राजेन्द्र सर को जानकारी देकर वह व्यवस्था को और दुरूस्त करने लगा। उसने और लोग काम पर लगा दिए। होटल की सिक्यूरिटी भी टाइट कर दी ताकि सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम रहे। लोकल थाने से थाना प्रभारी ने रामलालजी को फोन किया।
थाना प्रभारी : गुड मॉर्निंग सर! मैं थाना इंचार्ज बोल रहा हूँ। आज आपकी पार्टी में मंत्रीजी और कमिश्नर साहब आने वाले हैं तो हमारी फोर्स होटल पर सुरक्षा में तैनात रहेगी। वह थोड़ी देर में पहुँचने वाली हैं। कोई भी बात हो तो आप मुझसे बात कर सकते हैं। मैं अपना पर्सनल मोबाइल नंबर अभी आपको सेण्ड कर रहा हूँ।
रामलालजी : ओके, थैंक्यू....
मैनेजर के पास भी थाना इंचार्ज का फोन आया। इंचार्ज ने मैनेजर से सुरक्षा का जायजा लिया और अपने फोर्स की तैनाती के बारे में बताया। मैनेजर ने थाना प्रभारी को अपनी तरफ से पूरी कोआपरेशन का भरोषा दिलाया।
थोड़ी देर में थाने से पुलिस फोर्स ने आकर मोर्चा संभाल लिया और होटल का मुआयना कर आने जाने वाले पर कड़ी...