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Beti : Aurat
Aurat

 दिलों में बस जाए जिसकी मोहब्बत वह औरत है,
 कई सारे रूपों में समाई तेरी मूरत है।

पल भर में दिल को छू जाए वह औरत है,
 हर रूप - रंग में ढल जाए वह औरत है।।

 जिंदगी की बेहद जरूरती इमारत है औरत,
 कईयों के जीवन का आसरा है औरत।

 कोमल दिल और स्नेह से भरपूर होती है औरत,
 हर रूप में प्यार देने वाली होती है औरत।।

 तू मूरत है त्याग की, तूने कुछ मांगा नहीं - चाहा नहीं,
 तू खुद को बदल लेती हैं, रिश्तो को जोड़े रखने के लिए।

  है सृष्टि कर्ता एक औरत,
 है संसार की जननी एक औरत।।

है बंदिशे मेरे जीवन में मेरे औरत होने पर,
है आँग तेरे सीने में सहनशीलता की मशाल जैसी।

 है औरत से ही जीवन निर्माण,
 गोद का एहसास तुझसे ही।।

 है जीवन तेरा परंपराओं की जंजीरों से बंधा हुआ,
  इसमें ना तेरी खुशी का, एक कण है - ना छड़ है।

 इस जहां में हो रहा ना तेरा कोई सम्मान है,
 रावण रूपी लोगों से तेरा हो रहा अपमान है।।

 तू है नहीं गलत तुझको ठहराया गलत इस समाज ने,
 तू हर कार्य में उज्जवल फिर भी अपमानित इस समाज में।

 तेरी शक्ति है बुलंद यह कोई ना जाने,
तू दिखा सकती है समय पर हर रूप अपना।।
 
 तू है औरत तेरे अंदर ईश्वर का वास है,
     तुझ में ही समाया सारा संसार है।

  ✍️अनुभा पुरोहित

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