एक तरफा प्रेम कहानी
एक गांव में एक घनिष्ठ परिवार रहता था और
और उसमे और भी बहुत परिवार थे बात होगी २००४या५की इस वक़्त ना तो फोन था ना आज के ज़माने की सोशल मीडिया।
उस वक़्त बड़े घर और उच्च कोटि के जाती को आदर सम्मान बहुत जायदा होता था।
अब कहानी चालू होती है यहां से इसी परिवार का एक छोटा सा लड़का जिसकी उम्र करीब ९ होगी जिसका नाम आदित्य था जो कि इस उम्र बहुत शरारती नतखटी और चंचलता हर एक कि होती है दादा बीमार रहते थे दादी से लाड प्यार मिलता और पापा दफ्तर कार्यरत थे। धीरे धीरे उम्र का सिलसिला बढ़ता गया
धीरे धीरे समय गुजरा अब उम्र और बढ़ चली आदित्य के दादा को दम्मा की शिकायत थी।
और सभी परिवार के लोग उनका दवा इलाज के लिए हर तरफ से आर्थिक मदद करते एक दिन वो दिन भी आया जो बहुत अशुभ था आदित्य अपने दादा के पास ही सोता था उस रात उसने महसूस किया की उसकी...
और उसमे और भी बहुत परिवार थे बात होगी २००४या५की इस वक़्त ना तो फोन था ना आज के ज़माने की सोशल मीडिया।
उस वक़्त बड़े घर और उच्च कोटि के जाती को आदर सम्मान बहुत जायदा होता था।
अब कहानी चालू होती है यहां से इसी परिवार का एक छोटा सा लड़का जिसकी उम्र करीब ९ होगी जिसका नाम आदित्य था जो कि इस उम्र बहुत शरारती नतखटी और चंचलता हर एक कि होती है दादा बीमार रहते थे दादी से लाड प्यार मिलता और पापा दफ्तर कार्यरत थे। धीरे धीरे उम्र का सिलसिला बढ़ता गया
धीरे धीरे समय गुजरा अब उम्र और बढ़ चली आदित्य के दादा को दम्मा की शिकायत थी।
और सभी परिवार के लोग उनका दवा इलाज के लिए हर तरफ से आर्थिक मदद करते एक दिन वो दिन भी आया जो बहुत अशुभ था आदित्य अपने दादा के पास ही सोता था उस रात उसने महसूस किया की उसकी...