अल्फाज जिंदगी के..!
ना जाने क्यूं लफ्ज़ आजकल पराए से लगते है।ना जाने क्यों लिखना अजीब सा लगता है।ऐसा लगता है जैसे खुद को और सबको बेवकूफ बना रहा हूं क्योंकि मेरी हर कहानी हकीकत से कोसो दूर निकल आई...