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मेरे मुर्शिद तेरा शुक्रिया....
ज़िन्दगी का शुक्रिया अदा करती हूँ की ज़िन्दगी ने मुझे हर रिश्ते का सच बताया और सिखाया की हमें सिर्फ परमात्मा पर ही भरोसा करना चाहिए। संसार में जिसे भी अपना समझो वही दिल दुखता है किसी के लिए कुछ भी कर दो वो इंसान हमें पराया कर ही देता है। मैंने परायों को भी अपना समझा अपनों से लड़ कर अपनी मनमानी की और अंत में बहुत दुख हुआ तब किसी ने मुझे कुछ नहीं समझा। इसलिए अब मैं अपनी ज़िन्दगी को अपने मुतावित जीती हूँ। कोई भले मुझे बुरा कहे मुझे फर्क नहीं पड़ता। मैं जैसी हूँ अपने मालिक की हूँ और मेरे साथ उसका ही साथ है। जिसने मेरा साथ कभी नहीं छोड़ा भले ही मैं माया में भटक गयी थी। जो मेरे विचारों से मुझे अपना समझेगा तो मुझे ख़ुशी होंगी और जो ना भी समझें मेरे दातार का प्यार साथ है। लेकिन अब मैं किसी के लिए खुद को नहीं बदलूंगी।

© Niharik@ ki kalam se✍️