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शर्त ज़िंदगी की
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।

लेकिन आज जो शर्त लगी थी वो शायद चंदन की ज़िंदगी की सबसे खतरनाक शर्त थी, क्योंकि बड़ी हवेली के बगीचे में जाना मतलब खुद की जान का दुश्मन बनना क्योंकि लोगो से सुना है कि उस बगीचे में एक रक्तपिशाचिनी रहती है, जो बगीचे में आने वालों का खून पीकर उनको मार देती है, लेकिन चन्दन इन सभी बातों को नहीं मानता था, उसे लगता था कि ये सब मनगढ़ंत बाते है, जिससे कि लोग उस बगीचे से दूर रहे..!

तभी आनंद ने चन्दन से कहा- ठीक है, आज रात 10 बजे तुम उस बगीचे में जाकर 10 आम तोड़ कर लाओगे, अगर तुमने ये शर्त जीत ली तो मैं तुम्हे 1000 रुपये दूंगा, और अगर तुम हार गए तो तुम 1000 रुपये मुझे देना...!

चन्दन- ठीक है, मुझे शर्त मंज़ूर है...!

और फिर चंदन और आनंद अपने अपने घर को जाकर रात होने का इंतज़ार करने लगे..!
रात में लगभग 9:30 बजे चन्दन और आनंद उसी बगीचे के पास मिले और फिर चन्दन उस बगीचे में जाने लगा लेकिन आनंद ने उसे अंदर जाने से रोका..!
पर चन्दन शर्त जीतने के लिए बड़ा बेताब था, और वो बिना कुछ सुने ही बगीचे के अंदर चला गया...!जैसे ही वो उस बगीचे में आम के पेड़ के पास पहुँचा तो उसने देखा कि उस पेड़ के पास एक लड़की खड़ी थी, जो दिखने में सांवली और थोड़ी सुंदर थी...!

जब चन्दन उस पेड़ से आम तोड़ने लगा तो उस लड़की ने कहा - सुनो, आम तोड़ने से पहले तुम्हे मुझसे विवाह करना होगा, नहीं तो तुम इस बगीचे से कभी बाहर नहीं जा पाओगे...!

चन्दन ने उस लड़की की आंखों में देखा और उसकी आंखों में देखकर वो उस लड़की के वश में हो गया, और चन्दन ने उसी जगह अपनी उंगली में काट मार कर उस लड़की की मांग भर दी जिसके बाद उसने आम तोड़े और बगीचे से वापस आ गया लेकिन वो लड़की नही आई...!

बगीचे से बाहर आकर चन्दन को होश आया लेकिन वो उस लड़की को भूल चुका था, और अपने घर को चल दिया..!

अगली सुबह चन्दन के घर मे उसका मृत शरीर मिला जिसमे खून की एक बूंद भी नहीं थी..!
और चन्दन के शरीर के पास वो रात वाली लड़की खड़ी हंस रही थी, लेकिन आज वो सुंदर नहीं थी...!
© Rohit Sharma "उन्मुक्त सार"