प्यारी वैदेही (भाग-4)
प्यारी वैदेही,
ढलती शाम हाथों में कुछ मिठाई और अम्मा का पसंदीदा फल चीखु ले कर तुम्हारे घर आया था, अब ये न पूछना की कैसे मालूम अम्मा को कौन सा फल भाता है, हमेशा उन्हें फल मंडी से तमाम फलों के साथ चीखु खरीदते देखा है, अब सारे फल तो बिना दाँत के नहीं खाये जा सकते ना ।
काफी देर तक एक ओर से खुला...
ढलती शाम हाथों में कुछ मिठाई और अम्मा का पसंदीदा फल चीखु ले कर तुम्हारे घर आया था, अब ये न पूछना की कैसे मालूम अम्मा को कौन सा फल भाता है, हमेशा उन्हें फल मंडी से तमाम फलों के साथ चीखु खरीदते देखा है, अब सारे फल तो बिना दाँत के नहीं खाये जा सकते ना ।
काफी देर तक एक ओर से खुला...