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मास्क
#मास्क

साहिल अपना गांव छोड़कर दिल्ली जैसे बड़े शहर में अपने रोज रोटी कमाने के लिए रह रहा था।साहिल का परिवार एक छोटे से गांव में रहता था। साहिल के माता-पिता कुछ ज्यादा अमीर भी नहीं थे।उन्होंने जैसे तैसे करके साहिल को पढ़ाया लिखाया। साहिल की दो बहने भी थी। दोनों बहनों की शादी करने के लिए वो नौकरी करने के लिए दिल्ली जैसे बड़े शहर में आकर रहने लगता है और वहां पर नौकरी करने लगता है। साहिल जहां पर नौकरी करता था।वहां जाने के लिए उसे हमेशा मेट्रो से ही सफ़र करना पड़ता था।
दिल्ली मेट्रो में आपका स्वागत है, कृपया पीली रेखा का ध्यान रखें..!, मेट्रो से आने वाले यात्रियों को पहले उतरने दे, दिल्ली मेट्रो में सफर करते वक्त फेस मास्क पहनना अनिवार्य है, ये सूचनाएं गूंज रही थी। राजीव चौक मेट्रो रोजाना की तरह आज भी शहर की एक आबादी की रौनक के साथ सजा हुआ था। साहिल food court में मजे से मोमोज का आनंद ले रहा था। खाना खत्म हुआ उसने पैसे दिए और टिस्सू पेपर से हाथ मुंह पोछते हुए मस्त चाल से बाहर निकलकर yellow line के तरफ जा ही रहा था की दिल्ली पुलिस के एक हवलदार ने उसका हाथ पकड़कर एक तरफ चलने को इशारा कर दिया...
हवलदार ने साहिल को इसलिए पकड़ा था।क्योंकि एक तो साहिल ने मास्क नहीं पहन रखा था और दूसरा वह पीली रेखा को पार करते हुए मेट्रो में चढ़ने की कोशिश कर रहा था। वैसे तो साहिल को सब कुछ अच्छे से याद रहता था।पर उस दिन वह कुछ जल्दबाजी में था।उससे वह गलती हो जाती है।उसने वह अनाउंसमेंट भी नहीं सुनी थी और अपनी मस्त चाल में मेट्रो पर चढ़ने के लिए तैयार हो रखा था। ऐसा करते हुए एक हवलदार ने साहिल को देख लिया और उसे जुर्माना लगाया। साहिल अपनी गलती के लिए माफी मांगते हुए कहता है ,कि वह आगे से ऐसा नहीं करेगा। हवलदार कोई भी कार्रवाई न करते हुए कुछ पैसे लेकर बात को रफा-दफा कर देता है। और उसे आगे से ऐसा न करने की हिदायत देता है। और कहता है कि वह आगे से इस बात का ध्यान रखे। साहिल कानों में हाथ लगाते हुए कहता है ,कि वह आगे से ऐसी गलती कभी नहीं करेगा।