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माई सेल्फ मोहन।
नमस्कार,माई सेल्फ मोहन, ये मेरी कहानी है, मेरे बचपन की,जो हाल के बीते कुछ दशक पुराने वर्षों पहले शुरू हुई है। वैसे तो मैं ज्वाइंट फैमिली में रहता हूं, शायद इसीलिए इसकी कमियां खुबियां जान सका हूं। ज्वाइंट फैमिली बोलें तो खूब सारा प्यार, सुंदर माहौल, मेरे लिए तो ये सही भी है। मुझे ढेर सारा प्यार तो मिला ही है,बेशक। मेरे माता पिता , चाहे जो भी कारण रहा हो, मेरे दादा दादी के साथ रहे हैं
।पापा,अपने माता पिता के श्रवण कुमार सदृश,बेटे हैं। जब मेरी मां ,शादी होकर आई तब से आज्ञाकारी बहू रही है । चुकी पापा का निर्देश पालन किया करतीं कि सब परफेक्ट हो।, दादा दादी को भी कमी बर्दाश्त नहीं थी।सब कुछ अगर उनके अनुरूप नहीं तो डांट की लिस्ट तैयार रहती थी। मम्मी डरी सहमी सी बसने की प्रयास में रोज़ जद्दोजहद की बेबसी से लैस इमोशन का पिटारा थीं।वैसे तो चाचू मेरे अच्छे थे पर शादी के बाद समझ नहीं आए।बड़े पापा ,मम्मी वो बस जान पहचान वालों के लिस्ट में ही शामिल रहें हैं। वैसे तो सभी जब अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं तो, अदृश्य मजबूरन अपनी फैमली उन्हें, खुद चलाने कहीं दूर गंतव्य घर बसाना पड़ता है,और अच्छा खासा उत्साह देखने को मिलता है,
पर फैमली में साथ न जाने सबको क्या हो जाता है । सबमें अंडर सटैडींग की कमी, ऐसा लगता है जैसे वे बस पिकनिक पर आए हो,जो यहां है उनके ख्याल की पूरी जिम्मेदारी उनकी,कम से कम बुजुर्गों को मार्गदर्शन देना चाहिए पर नहीं वे भी मजे लेने में मशगूल हो जातें हैं,और उल्टा ये समझाते हैं ,कि वे तुम्हारे पास आए हैं कहीं नहीं होनी चाहिए।और इन सब का पूरा मज़ा घर की खुशियां हेतु समर्पित।
अब आगे बढ़ते हैं,
ज्वाइंट फैमिली वालों के बच्चोंसे सींगल वालों के बच्चे ज्यादा हाई फाई पाए जाते है।पर घर आते ही सब गरीब हो जाते हैं,कम से कम मिठाई लाने में भी कंजूसी,अगर फ्रिज का कोई मिठाई डब्बा पड़ा हो तो वो कभी कभी आ जाता है, वर्ना रास्ते में जो खरीदा उसे अपने पास सुरक्षित रख लेते हैं।

मेरे दादा दादी मुझे बहुत प्यार करते हैं मेरे लिए मिठाईयां लाते हैं, कपड़े लाते है हालांकि दादी उन्हें समय समय पर मितव्ययता की क्लास देतीं रहतीं हैं,पर मिला जुलाकर आईं लव देयर अंडरस्टैंडिंग। दादी जो बोलतीं है दादा उनके बातों के फौलौवर वैसे उनके बीच झगड़ा बहुत होता है तब मैं कंफ्यूज हो जाता हूं ।

तो हम कहां थे,हां जी, फैमिली, कैसी होनी चाहिए।


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© Gitanjali Kumari