खामोशी भाग २
आज प्रातः की बेला में शेखर चाय की टपरी पे
बैठ खामोशी से खामोशी के दिख जाने का इंतज़ार कर रहा था।
तभी एक अदना सा बालक आ बोला..
चाय ले आऊँ क्या
मैं उसकी तरफ देख कहने लगा
पढ़ाई लिखाई के उम्र में चाय देने का काम करते
हो।
कहने लगा मजबूरी सब कराती है।
मैं कु...
बैठ खामोशी से खामोशी के दिख जाने का इंतज़ार कर रहा था।
तभी एक अदना सा बालक आ बोला..
चाय ले आऊँ क्या
मैं उसकी तरफ देख कहने लगा
पढ़ाई लिखाई के उम्र में चाय देने का काम करते
हो।
कहने लगा मजबूरी सब कराती है।
मैं कु...