राघव और वो (भाग 2)
रात का समय:
राघव देर रात घर लौटता है।
आस्था- अरे राघव इतनी देर लगा दी तुमने आने में?
राघव कोई जवाब नहीं देता है।
आस्था- राघव कुछ कह रहीं हूँ तुमसे ध्यान कहाँ है तुम्हारा?
राघव - मुझे बहुत नींद आ रही है, मेैं अपने कमरे में जा रहा हूँ।
यह कहकर राघव चला जाता है। आस्था उसका ऐसा बर्ताव देखकर सोच में पड़ जाती है।
इधर, राघव अपने कमरे में आँख बंद किए लेटा था पर उसकी आँखों में नींद बिल्कुल नहीं थी। तभी उसे कमरे में किसी ओर के होने का एहसास हुआ। वह धीरे धीरे डरते हुए आँखे खोलकर देखा पर वहाँ कोई भी नहीं था।
राघव( मन में)-ये सब मेरे साथ क्या हो रहा है? मैं तो कुणाल के घर...
राघव देर रात घर लौटता है।
आस्था- अरे राघव इतनी देर लगा दी तुमने आने में?
राघव कोई जवाब नहीं देता है।
आस्था- राघव कुछ कह रहीं हूँ तुमसे ध्यान कहाँ है तुम्हारा?
राघव - मुझे बहुत नींद आ रही है, मेैं अपने कमरे में जा रहा हूँ।
यह कहकर राघव चला जाता है। आस्था उसका ऐसा बर्ताव देखकर सोच में पड़ जाती है।
इधर, राघव अपने कमरे में आँख बंद किए लेटा था पर उसकी आँखों में नींद बिल्कुल नहीं थी। तभी उसे कमरे में किसी ओर के होने का एहसास हुआ। वह धीरे धीरे डरते हुए आँखे खोलकर देखा पर वहाँ कोई भी नहीं था।
राघव( मन में)-ये सब मेरे साथ क्या हो रहा है? मैं तो कुणाल के घर...