शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लाएगा।
शर्त के मुताबिक चंदन हवेली के अंदर आम तोड़ने गया।जैसे ही उसने एक आम तोड़ा तो रोने की आवाज सुनाई दी।चंदन ने सोचा कि शायद कोई जानवर रो रहा है।उसने फिर दूसरा आम तोड़ा ,रोने की आवाज और तेज गई।चंदन को बड़ी हैरत हुई।उसने सब तरफ देख लिया पर कोई जानवर नहीं था।
फिर उसकी नजर पेड़ पर गई, पेड़ से आंसू निकल रहे थे।वह बड़ी अचरज से बोला,"ऐसा कैसे हो सकता है ,इस पेड़ से आंसू कैसे निकल सकते है?"तभी पेड़ से आवाज आई ,"मेरी मदद करो ,मुझे बचा लो !"
चंदन बड़ी हैरानी से पेड़ को देख कर बोला,"तुम बोल भी सकते हो?"
पेड़ ने कहा,"हां मैं भी तुम्हारी तरह इंसान हूं ।एक जादूगर ने मुझे इंसान से पेड़ बना दिया है। मेरी मदद करो।"
चंदन सोच में पड़ गया,"भला मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकता हूँ?"
पेड़ ने बताया ,"वो जादूगर रोज रात को यहां आता है ।उसने जादू से और भी...