...

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Express my feelings
आज उससे मै बात किया, और बीते दिन को याद किया
बोल पड़ा वो मीठा सा, और मन को मेरे शांत किया
नादानी थी लफ़्ज़ों में, वो हौले से इज़हार किया
पूछ लिया मैंने भी उसको, क्या तुमने आहार किया
रूखे उसके गालों को छू कर, ये एहसास किया
क्यों जूझ रहा है बचपन उसका, ये कोई ना ख्याल किया
प्यारी उसकी बातों ने कब, ना जाने दिन से शाम किया
याद आगया पूरा बचपन, ना जाने जो जो काम किया
ठेहेर रहा था आलम सारा, नन्हे ने ज्यूं ज्यूं बात किया
पकड़ कलाई मैंने उसकी, थपकी दे उसको प्यार किया
बचपन के थे दिन सुहाने, ना परवाह कोई काम किया
ढूंढ रहा था खोया बचपन, जिसके कारण नाम किया