डरावना ख्वाब
लोग कहते है सुबह का देखा ख्वाब सच होता है।
गर्मियों के दिनों की बात है हमारे स्कूल की तरफ से बच्चों को एक दिन के ट्रीप पर ले जाने की घोषणा की गई। हम सभी बहुत उत्साहित थे,हर कोई तैयारी में लग गया था।
मैं (ऐना)कहने को तो अपनी कक्षा की माॅनीटर हूं लेकिन सच कहूं तो मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। क्योंकि मुझे दूसरों को नियंत्रित करना या रोब दिखाना पसंद नहीं।
इसलिए मैं अपनी जिम्मेदारी उसको सौंप देती थी जिसकी इसमें रूचि है। इसके पीछे खास वजह थी मेरे दोस्त जो मेरे लिए सब कुछ थे मैं कभी उन्हें खोना...
गर्मियों के दिनों की बात है हमारे स्कूल की तरफ से बच्चों को एक दिन के ट्रीप पर ले जाने की घोषणा की गई। हम सभी बहुत उत्साहित थे,हर कोई तैयारी में लग गया था।
मैं (ऐना)कहने को तो अपनी कक्षा की माॅनीटर हूं लेकिन सच कहूं तो मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। क्योंकि मुझे दूसरों को नियंत्रित करना या रोब दिखाना पसंद नहीं।
इसलिए मैं अपनी जिम्मेदारी उसको सौंप देती थी जिसकी इसमें रूचि है। इसके पीछे खास वजह थी मेरे दोस्त जो मेरे लिए सब कुछ थे मैं कभी उन्हें खोना...