...

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मेरी आँखों मै अब नींद नहीं है,
मेरी आँखों मै अब नींद नहीं है,
जबसे बिछड़े हैं कोई सुकून नहीं है,

उसे शिक़वा था पहले मेरे थक कर सो जाने से,
अब जाग जाग कर थक जाता हूँ मगर वो नहीं है,

तुम मिलो उससे कभी उसके शहर मै,
बताना उसे मेरा वो कबसे सोया नहीं है,

मैं तो मना लूँ उसे अब भी गर वो लौट आये,
उससे कहना के वो तुझसे ख़फ़ा नहीं है,

अब तो सारिम मेरे आंसूं को सियाही बना दो,
चाहता हूँ कुछ ऐसा लिखना जो कभी लिखा नहीं है,
© Sarim