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online dosti
बहुत आसान है कह देना कि online वाली दोस्ती time pass होती है
पर क्यो होता है किसी के पास इतना time जो उसे ऐसे रिश्तों से गुजरना पडता है
जब साथ रहने वाले न समझ पाये कि हम चाहते क्या है उनसे ...जब मुश्किल लगने लगे अकेले ये भयावह सन्नाटा ..तब मन चल पडता है किसी ऐसे रिश्ते कि ओर जिसका कोई वजूद ही नही दुनिया की नजर मे और ढूँढ लेता है अपने मन का सुकून
कितना मुश्किल है समाज मे रहते हुये कोई ऐसा relation बनाना जो समाज न स्वीकार करता हो ..इस समाज की खुशी के लिये दबानी पडती है अपनी मन की भावनाँऐ
चलते है हम आभासी दुनिया मे..जहाँ मिल जाता है कोई ऐसा जिसे आपकी परवाह हो..जिसे फर्क पडता हो आपके खुश होने से या आँसू बहाने से..
जहाँ सिर्फ शब्दों से महसूस कर लिया जाता है एक - दूसरे की आत्मा को...जहाँ दिल खोल कर हँसने का मन कर जाये कभी मन भारी हो तो कुछ शब्दों से उसके काँधो पर सर रख कर रो लिया जाये और उन्ही शब्दों मे लिपटा प्यारा एहसास दिलाये आपको कि आप अकेले नही हो कोई है आपके साथ जो आपके मुस्कुराने की वजह बनना चाहता है
कोई है जो कुछ emoji के जरिये आपके और पास आना चाहता है...कोई है जिसे सोचकर आप मुस्कुरा सकते है ...बेवजह
कोई है जिसके कुछ शब्द आपकी आँखों मे शर्माहट भरी मुस्कुराहट ले आते है..कभी उसकी अनदेखी दुखा देती है मन को..फिर शब्दों से मना भी लिया जाता है
सिर्फ शब्दों का ही तो खेल है न कभी देख सके एक - दूसरे को ना ही छूने की चाह..बस भावनाओ की डोर जो बाँध ली जाती है बिन कहे बिन सुने बस यूँ ही अनजाने मे
इस online दोस्ती का रिश्ता भी बिल्कुल अपनों जैसा है जो हमेशा हमारे आस - पास रहता है ..कोई रिश्ता है तो वो है ..मन का रिश्ता...दिल का रिश्ता...