...

3 views

#चुनाव
#चुनाव

चाय की टपरी में आज काफी गहमा - गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल.. वैसे ही चाय की दुकान भी.. दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी।
बनवारी लाल ने कान लगाकर सूनना चाहा.. कौन, किसे और क्यों "मत" देना चाहता है ? संकलित अभिप्राय बनाकर वह स्वयं अपने 'मूल्यवान वॉट' को ओर भी बहुमूल्यता प्रदान करना चाहता था। चाय भले ही ठंडी हो रही हो.. निष्प्रभावी हो रही हो... पर आज उसे टपरी पर हो रही "चाय पे चर्चा" में बड़ा रस उमड रहा था ।
वह 'निर्विकल्प' बन रही 'राष्ट्रीय राजनीति' में 'किंकर्तव्यविमूढ़ प्रजा' का' प्रतिनिधित्व' ही तो कर रहा.. कोई "कॉमन मॅन" ही तो है। स्थितियाँ बहुत जल्दी से करवट ले रही है। आधुनिकता के नाम पर सभ्यता, संस्कृति और राष्ट्रीय मूल्य जल्दी से बदल चुके हैं। यहाँ तक, कि देशप्रेम और देशद्रोह की व्याख्याएँ भी बहुत बदल चुकी है....! ऐसे माहौल में वह खूद को भी इस चर्चा के माध्यम से आजमाना चाहता है..!!
दो गूट कोई टी. वी. बहस की तरह परंतु 'संयमित' हो चर्चा कर रहे थे। इसका सार'.... व्यक्ति पूजा और देश प्रेम तक सीमित नहीं था... बल्कि गाँवों के गरीब, मजदूर, किसान बेरोजगार वर्ग और जीडीपी तक.. पर अपने अपने अभिप्राय उछाले जा रहे थे।
अंत में रात्री कुछ ज्यादा हो जाने के कारण टपरी मालिक ने' बंध' करने की सूचना दी, तब जाकर यह चर्चा रूकी। सभी ने उठते हुए अपना पल्लू झाड़ लिया, "कि 'अपने वॉट' से कोई फर्क पडनेवाला नहीं... बेकार में वॉट डालने क्यों जाना ? जबकि ज्यादातर लोग दारू की बोतल, भेट - सौगात या फिर किंचित रूपये के लालच में आकर अपना मत बेच देते हैं और स्वप्नों की सरकार और अपने भाग्य को कोसते रहते हैं।''
बनवारी लाल मन ही मन बोल पडा.. "धत् तेरी ! ये पढे लिखे लोग भी कितने बूझदिल और गैरजिम्मेदार निकले.!!? इससे अच्छे तो यह निम्न माना जानेवाला वर्ग है... जो कम से कम लोकतंत्र को जीवंत रखते तो है।
सच में यही अनपढ, गरीब, बेरोजगार, किसान, मजदूर.... जैसे लोग खूलकर जीतें ही नहीं बल्किबाजार और लोकतंत्र... दोनों को ढोते भी है !!! ताज्जुब है ! यही दूनिया के सबसे बडे लोकतंत्र का भाग्य है।
बनवारी लाल ने निराशवदन होकर उठ खडे होते हुए एक 'ओर चाय'.. का ओर्डर दिया... ताकि कानों में गयी इस चर्चा को दिमाग से निकाल सके.!!?!!
जय हिंद 👏
© All Rights Reserved