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मास्क मैन इन द मेट्रो...
#मास्क
दिल्ली मेट्रो में आपका स्वागत है, कृपया पीली रेखा का ध्यान रखें..!, मेट्रो से आने वाले यात्रियों को पहले उतरने दे, दिल्ली मेट्रो में सफर करते वक्त फेस मास्क पहनना अनिवार्य है, ये सूचनाएं गूंज रही थी। राजीव चौक मेट्रो रोजाना की तरह आज भी शहर की एक आबादी की रौनक के साथ सजा हुआ था। साहिल food court में मजे से मोमोज का आनंद ले रहा था। खाना खत्म हुआ उसने पैसे दिए और टिस्सू पेपर से हाथ मुंह पोछते हुए मस्त चाल से बाहर निकलकर yellow line के तरफ जा ही रहा था की दिल्ली पुलिस के एक हवलदार ने उसका हाथ पकड़कर एक तरफ चलने को इशारा कर दिया...
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दिल्ली मेट्रो में आपका स्वागत है, कृपया पीली रेखा का ध्यान रखें..!, मेट्रो से आने वाले यात्रियों को पहले उतरने दे, दिल्ली मेट्रो में सफर करते वक्त फेस मास्क पहनना अनिवार्य है। ये सूचनाएं गूंज रही थी।

राजीव चौक मेट्रो रोजाना की तरह आज भी शहर की एक आबादी की रौनक के साथ सजा हुआ था। साहिल फूड कोर्ट में मजे से मोमोज का आनंद ले रहा था। खाना खत्म हुआ, उसने पैसे दिए और टिस्सू पेपर से हाथ-मुंह पोछते हुए मस्त चाल से बाहर निकलकर पीली रेखा की तरफ जा ही रहा था कि दिल्ली पुलिस के एक हवलदार ने उसका हाथ पकड़कर एक तरफ चलने को इशारा कर दिया।

"भाई, क्या हुआ?" साहिल ने हवलदार से पूछा।

"तुम्हें कुछ नहीं पता... मेट्रो में एक संदिग्ध व्यक्ति देखा गया है, वो काले मास्क में है और हर बार मेट्रो में सफर करता है, हमें उसे पकड़ना है, " हवलदार ने गंभीरता से कहा।

साहिल ने थोड़ी चिंता जताई, लेकिन फिर सोचा कि वो तो सिर्फ अपने काम से घर लौट रहा है। उसने हवलदार की बात को नजरअंदाज किया और आगे बढ़ने लगा। लेकिन जैसे ही वह मेट्रो के गेट के पास पहुंचा, उसने एक अजीबोगरीब दृश्य देखा।

एक आदमी, जो पूरी तरह काले कपड़े और काले मास्क में ढका हुआ था, मेट्रो के अंदर तेजी से घुस रहा था। साहिल की धड़कनें तेज हो गईं। उसने बिना देर किए अपने फोन से पुलिस को सूचना दी।

"एक संदिग्ध व्यक्ति मेट्रो के अंदर है... जल्दी आइए, " उसने कहा। उसके बाद साहिल ने देखा कि वह संदिग्ध व्यक्ति अचानक एक महिला की ओर बढ़ा। महिला ने डर के मारे चिल्लाना शुरू किया। साहिल ने अपनी नजरें उस व्यक्ति पर फोकस कीं।

जैसे ही वह व्यक्ति महिला के पास पहुंचा, साहिल ने तेजी से उसके रास्ते में आकर कहा, "रुको!" संदिग्ध व्यक्ति ने साहिल को घूरा और अचानक मेट्रो के दरवाजे की ओर भागने लगा। साहिल ने दौड़ लगाई और हवलदार को पुकारा।

"वो रहा," सभी यात्रियों की निगाहें अब उस मास्क पहने व्यक्ति पर थीं। हवलदार और साहिल ने मिलकर उसे पकड़ने की कोशिश की। मेट्रो के दरवाजे पर, संदिग्ध ने अचानक एक छोटे से उपकरण को छिपाते हुए दरवाजे के पास खड़े लोगों को धक्का दिया और भागने लगा। साहिल और हवलदार ने उसे पकड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह भागने में सफल रहा। मेट्रो स्टेशन पर अफरातफरी मच गई। हवलदार ने तुरंत अन्य अधिकारियों को सूचित किया और साहिल ने उस व्यक्ति की पहचान के लिए उसकी तस्वीर अपने फोन में ले ली।

"हम उसे जरूर पकड़ेंगे," हवलदार ने आश्वासन देते हुए साहिल से कहा l

"लेकिन हमें तुरंत उसके पीछे जाना होगा, " साहिल ने सुझाव देते हुए कहा l

"लेकिन, ये सब क्या था... वो कौन था? क्या वो कोई अपराधी था... हम जानेंगे," हवलदार ने कहा।

"लेकिन एक बात याद रखें, मास्क में छुपा हुआ हर कोई अपराधी नहीं होता, हमें सावधान रहना होगा. " साहिल ने जवाब दिया और फिर हवलदार के साथ मिलकर उस रहस्यमय मास्क वाले आदमी की खोज शुरू की।

उनकी तलाश दिल्ली की सड़कों पर गई, और उन्हें पता चला कि वह व्यक्ति कहीं और भी संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है। साहिल की जिज्ञासा और हवलदार की दृढ़ता ने उन्हें एक खतरनाक अपराधी के खिलाफ खड़ा कर दिया। कहानी ने एक नया मोड़ लिया, और साहिल को अब एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना था। क्या वे उस रहस्यमय मास्क वाले व्यक्ति को पकड़ने में सफल होंगे? यह सवाल अब साहिल के मन में घूम रहा था, और दिल्ली की रात धीरे-धीरे अपने रहस्यों को उजागर करने के लिए तैयार थी।

Written By,
Ivan Edwin
Pen Name: Maximus.
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