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ज़हरीले ज्ञानी......
" पर उपदेश कुशल बहुतेरे " : बहुत पुरानी कहावत है और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हम सबके जीवन में अक्सर ही किसी ना किसी महाज्ञानी के ज्ञान के समन्दर में बेवजह आये ज्वारभाटे के कारण उसकी अनवांछित बूदों से भीगने पर खुद को बेबस पाने में हो ही जाता है l
यूँ तो ऐसे ज्ञानी आपको हर स्थान पर मिल जायेंगे l यदि सामने हो तो आप स्वयम को बचाने का सफल या असफल ही सही, प्रयास कर तो सकते है परंतु यदि वो मुखौटे के पीछे हो तो ????
अब आप सोचेंगे , मुखौटे के पीछे है तो भी पहचान क्यों नहीं सकते ? जवाब है ये स्थान, जहाँ आप अपने कीमती समय को व्यर्थ करते है और जाने अनजाने ऐसे महानुभावों को बढ़ावा देते है l
" नीम हकीम खतराये जान " अर्थात संपूर्ण ज्ञान से रहित या यहाँ वहाँ से एकत्रित की गई अधकचरी जानकारी से दूषित मस्तिष्क विनाश का माध्यम होता है l यहाँ कितने ही ऐसे ज्ञानी है जिनका वास्तव में ज्ञान से दूर दूर तक कोई वास्ता ही नहीं l ऐसे महानुभाव वास्तव में एक नकली आवरण के पीछे खुद को छिपा कर रखते है और इसमें उनका भरपूर साथ देता है Social Media और बहुत से जीवन से परेशां और एकांत से घबराये, बिखरे जीवन और टूटे रिश्तों का बोझ ढोते, किसी हितैषी को ढूँढते मन l
और ये महाज्ञानी, बड़ी ही कुशलता से ऐसे हृदयों की मरहम बनने का ढोंग बखूबी करते है l आदर्श व्यक्तित्व और उनके शुभचिंतक होने का दिखावा करते करते भावनात्मक रूप से उनके जीवन और सोच पर भी अपना आधिपत्य जमाने का प्रयास करते है l आपके साथ भी कभी ना कभी ऐसा अवश्य हुआ होगा l आपके मन ने भी कहा होगा, एक अनजान बिना स्वार्थ के इतनी परवाह कर रहा है, ये तो कोई देवदूत ही होगा l
परंतु शायद आप सोच भी नहीं सकते कि, हकीकत में ऐसे लोग अपने जीवन मे अपने शब्दों और आचरण से बिल्कुल विपरीत होते है l वो केवल आपको अपना समय व्यतीत करने का माध्यम बनाते है और लच्छेदार बातों से आपका दिल लुभाते है l यदि ऐसे किसी व्यक्ति के जीवन में आपको झांकने का मौका मिला तो आप हैरान हो जायेंगे कि बड़ी बड़ी आदर्शपूर्ण बातें करने वाला वास्तविकता में बेहद कुंठित और बीमार मानसिकता का होता है l
कितने ही हृदयों की भावनाओं से खेलने और झूठ के साथ जीते जीते ये स्वयम एक झूठ बन जाते है l यदि कोई ऐसा हितैषी एक लम्बे समय से आपके विचारो और जीवन पर हावी होने का प्रयास कर रहा है तो सचेत हो जाईये, आप केवल किसी का समय व्यतीत करने का एक खिलौना मात्र है l
ऐसा नहीं है कि सभी लोग ऐसे होते है l कई वास्तव में स्वभाववश किसी भी दुखी मन की मरहम बनने का प्रयास करते है l परंतु जिस वर्ग के ज्ञानियों की बात हम कर रहे है, वो केवल गिद्ध की तरह सारा दिन Online एक नये शिकार की ताक में रहते है l
तो अगली बार यदि कोई बहुत ज्यादा आदर्शवादी या हितैषी आपके दुखो का निवारण करने का बीड़ा उठाये, तो सावधान अवश्य रहे l अपनी निजी बातों और समस्याओं को बाँटकर किसी को मौका ना दे अपने जीवन में झाँकने का l
बाकी आप सभी समझदार है परंतु परेशानी के समय अनजाने मे किसी से दो शब्द सुनने की भूल,एक बड़ी भूल का रूप भी ले सकती है l
Social Media के ऐसे महाज्ञानियों से सावधान रहे l
त्रुटि के लिए क्षमा 🙏🙏


© * नैna *