गहरा जख्म
कितना भी गहरा जख्म कोई क्यों ना दे दें, उतना ही ज्यादा मुस्कुराने की आदत बनाओ। क्योंकि सच्चाई के मार्ग में चलने वाले शक्स कभी किसी से डरते नहीं, जो सच बोलने से डरते नहीं और सच सुनने से घबराते नहीं। इस दुनियां की भीड़ में अकेला ख्वाब हूं मैं। जो समझ ना पाए मुझे उनके लिए बस नासमझ हूं मैं। जो समझ जाए उनके लिए खुली पन्नों की डायरी हूं...