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half love
जिंदगी में इंसान तब तक किसी चीज़ को नही मानता जब तक बो उसके साथ नही हो जाती हैं। ऐसे ही ये कहानी हैं अंकित की जो प्यार जैसी चीजों पर भरोसा नही करता हैं लेकिन जब उसे हुआ तो उसकी जिंदगी बदल चुकी थी ।अंकित एक मध्यम बर्गीय 24 साल का लड़का था । 12th करने के बाद कॉलेज में addmision लिया । अंकित देखने मे औसत कद देखने में अच्छा और सिम्पल कपडें पहनने बाला था । अभी उसे कॉलेज जाए कुछ दिन हुये थे । कि उसने नोटिस किया उसकी क्लास में एक लड़की का नया एडमिशन हुआ है उसका नाम लेखनी था । कमर तक लहराते बाल, गोरा रंग ,औसत कद , खूबसूरत आँखें थी। बो अक्सर सूट या लेग्गी औऱ कुर्ती पहन कर आती थी।लेकिन अंकित का इस ओर कभी ध्यान नही गया । एक दिन लेखनी क्लास में लेट आई और क्लास में उस दिन बच्चे आने के कारण क्लास में उसको सीट नही मिली । क्लास रूम बड़ा होने के कारण रूम के हाफ पार्ट में वलास लगती थी और हाफ पार्ट को स्टोर रूम की तरह यूज़ किया जाता था तो अंकित को पता था कि स्टोर रूम में चेयर हैं तो बो लेखनी से बोलता हैं कि आप चेअर को स्टोररूम से उठा लो ।लेखनी चेयर लेकर आती हैं औऱ अंकित के पास बैठ जाती हैं। इस तरह से दोनों में बाते होने लगी अब लेखनी रोज उसके पास बैठने लगी । दोनों ने अपने नंबर एक्सचेंज किये । अब दोनों एक दूसरे को कभी फ़ोन पर टेक्स्ट करते या फिर कॉल कर लेते ये बाते अब अंकित को लेखनी की तरफ आकर्षित कर रही थी और अंकित अब लेखनी को चाहने लगा था ।इसी बीच अंकित का बर्थडे आया तो उसने लेखनी को कॉल किया कि कल मेरा बर्थडे हैं और तुम कल कॉलेज आओगी क्या ????????? लेखनी ने कहा कि तबियत ठीक नही है भाई अगर छोड़ने आया तो हम आ जायेंगे । अंकित को भरोसा था कि बो जरूर आएगी और अगले दिन काफी इंतजार करने के बाद लेखनी आयी लेकिन लेखनी का व्रत था ।लेकिन अंकित को पता था । इसलिए बो लेखनी के खाने के लिए फल ओर खोया की मिठाई लेकर आया था । लेखनी ने उसे विश किया । अंकित ने उसे मिठाई खिलाई गर्मी का मौसम होने के कारण लेखनी को प्यास लग रही थी । तो अंकित ने पास की दुकान से पानी की बोतल खरीद कर दी और कहा पहले तुम पानी पी लो फिर मैं पी लूंगा । अब अंकित उसको बेइंतहा प्यार करने लगा था। लेकिन उसे पता नही था कि लेखनी उसके बारे में क्या सोचती है क्या बो भी उसे प्यार करती हैं या नही?????????????फिर एक दिन क्लास में बैठे लेखनी अपनी फ़ैमिली फोटो दिखा रही थी तो अंकित ने एक फोटो की टरफ इशारा करते पूछा ये कौन हैं तो लेखनी ने बताया कि ये उसके मंगेतर हैं और उसकी शादी होने बाली हैं। ये बात सुनकर अंकित के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गई ।मानो जैसे उस पर बिजली गिर गई हो उसने गुस्से में पूछा कि तुमने मुझे पहले क्यों नी बताया ।तो लेखनी ने कहा कि अचानक से तुमको क्या हो गया हैं । तो अंकित क्या बोलता की जिससे बो प्यार करता हैं बो तुम हो औऱ तुम्हारी शादी होने बाली हैं ये सोच कर बो चुप हो जाता हैं औऱ बो क्लास से उठ कर बाहर चला जाता है ।अब अंकित का कही भी मन नहीं लग रहा था ना खाने में ना पड़ने में बो ये सोच कर परेसान था कि जिस लड़की को दिलो जान से प्यार करता था बो अब किसी ओर की होने बाली हैं बो अक्सर अकेले बैठे रोता रहता मगर उसके आंसू को देखने और उसकी भावना को समझने बाला कोई नही था। अंकित ने तय कर लिया था कि बो लेखनी से अपने प्यार का इजहार करके रहेगा मगर बो डरता था कि कही जो उनके बीच दोस्ती हैं बो भी खत्म ना हो जाये । उसने सोच की लेखनी की शादी तो होनी ही हैं बो उसे रोक नही सकता लेकिन अपने प्यार का आखरी बार इजहार तो कर सकता हैं । और इजहार कुछ इस तरह से किया जाए कि उसे कुछ ज्यादा बोलना भी ना पड़े और लेखनी सब समझ जाये। फिर एक दिन कॉलेज के बाद दोनो साथ मे जा रहे थे। तो अंकित ने बात करते करते हुए लेखनी से कहा कि बो एक लड़की को प्यार करता है । लेखनी समझ गई थी इसलिए बो खामोश हो गई ।औऱ बो घर चली गई। ये दिन शनिवार था ।उस दिन बहुत जोर की बारिश हुई थी साथ मे ओले भी गिरे थे । शायद ये ओले अंकित की जिंदगी और उसके प्यार पर भी गिर चुके थे ।ठंड कुछ ज्यादा थी उस दिन।अचानक से रात के दस बजे उसका फ़ोन रिंग किया लेखनी का कॉल था। उस दिन अंकित के घर मेहमान आये थे तो बो bussy था ।और उसे घर मे कही जगह नही मिल रही थी जहा बो बात कर सके ।तो उसने लेखनी से थोड़ा टाइम मांग लेकिन लेखनी ने कहा कि अभी बात करो बो गुस्से में थी उसने कहा कि बताओ कि जिस लड़की से बो प्यार करता हैं बो मैं हु। तो अंकित ने फोन पर बात को बिगाड़ने से रोकने के लिए लेखनी को कहा कि हम सोमबार को कॉलेज में बात करते हैं लेखनी ने उसे कोई मौका नहीं दिया बो जिद पर थी कि अभी बात करो तो अंकित ने कहा मुझे 30 मिनिट का टाइम दो मैं अभी कॉल करता हूं 30 मिनेट बाद जब दोनों में बात हुई तो अंकित ने कहा कि हम्म तुम ही बो लड़की हो जिसे मैं प्यार करता हु । तो लेखनी ने कहा कि मैं इस जन्म में तो तुम्हारी नही हो पाऊँगी क्योंकि मेरी शादी किसी और के साथ तय हो चुकी हैं । शायद हम और तुम अगले जन्म में साथ हो जाये बस तुमको यही उम्मीद दे सकती हूं। औऱ फिर कुछ दिनों के बाद नवंबर महीने में उसकी शादी हो गयी । लेखनी के शादी बाले दिन अंकित से ना खाना खाया गया और ना बो ठीक से सो पाया सिर्फ लेखनी की याद में रोता रहा उसकी मोहब्बत अब कि औऱ की हो चुकी थी औऱ अंकित के हिस्से में लेखनी की सिर्फ यादे रह गई थी । उसके बाद कॉलेज खत्म हो गया था । और फिर अंकित लेखनी से कभी नही मिल पाया और ना एक झलक उसे देख पाया । बस उसे उम्मीद है कि शायद जिंदगी के किसी मोड़ पर फिर से मुलाकात हो जाये.............................
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