श्राप
सत्य घटना पर घटित ये कहानी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी नामक स्थान पर घटित हुआ था | इस कहानी में पीड़ित पात्र राहुल है|
19 सितम्बर 2017 की वो काली रात जो राहुल के जीवन में तूफान ला खड़ा किया| इस दिन राहुल और उनके दोस्त बड़े ही खुश थे क्योंकि आज नवरात्री के पहले दिन की शुरुआत थी ( बंगाल में इस दिन को महालय कहा जाता है ) इसलिए इन्होंने ये योजना बनायीं कि आज रात पिकनिक किया जाय | जिससे सभी इस योजना के तहत अपने अपने काम में लग गये |राहुल को पिकनिक का सामान लाते- लाते देर हो गयी |जिससे उसने घर जाने के लिए सॉर्ट कट रास्ते से जाने का निर्णय किया जो की रेलवे लाइन वाला रास्ता था | राहुल जैसे जैसे आगे बढ़ता जा रहा था वैसे वैसे उसे लग रहा था की उसका वजन धीरे- धीरे बढ़ रहा हैं पर उसे लगा की शायद थकान की वजग से उसका शरीर भारी लग रहा |फिर कुछ समय बाद उसके ठीक पीछे एक पायल की आवाज़ आने लगी जिससे राहुल थोड़ा बायीं तरफ खिसक गया जिससे वो लड़की आगे चल जाये| जैसे ही लड़की राहुल से कुछ 15 या 20कदम आगे चली गयी फिर राहुल ने जो देखा जिससे उसका शरीर मानों ठंडा पर गया ,उसने देखा कि वही लड़की आगे चलकर एक आम के पेड़ पर खुद गयी और पलक झपकते गायब हो गयी |राहुल इस समय बहुत डर गया था और उसके इस रास्ते से जाने का फैसला रद्द कर दिया| जब वह बड़े घूमओदार रास्ते से घर पंहुचा तो सभी दोस्त और परिवार के सदस्य उसका इंतज़ार कर रहे थे |तब राहुल की मम्मी ने पूछा कि इतने देर क्यों लग गयी| तब राहुल ने वो सभी बात बताई जो उसने देखा था जिसे सुनकर सरे दोस्तों ने उनका मज़ाक बनाना शुरू कर दिया जिससे माहौल फिर से खुशहाल हो गया परंतु राहुल को अंदर ही अंदर ये घटना काफी प्रभावित कर चुकी थीं | कुछ ही देर बाद पिकनिक में रात के खाने की तैयारी शुरू हो गयी |खाते -खाते कई बातों ने राहुल को इस घटने से दूर ले गया | फिर राहुल के करीबी दोस्त शास्वत ने कहा कि आज सारी रात हमलोग मज़े करेंगे और करीब 4बजे के आसपास पटाके फोरने घर के पीछे वाले मैदान में चलेंगे| इस बात से सभी राज़ी हो गए |.बातों बातों में सुबह के 4 कब बज गये इसका पता ही नहीं चला| फिर राहुल अपने 3 दोस्तों के साथ पटाके फोड़ने पीछे वाले मैदान चला गया |करीब घंटे के बाद जब सभी को नींद आने लगी तो सभी ने घर जाने का निर्णय लिया परन्तु राहुल ने कहा कि जब सुबह होने ही वाली हैं तो कसरत करके ही जाऊंगा | तब सभी ने राहुल को अकेले छोर अपने अपने घर चले गये | राहुल मैदान में बैठा बैठा बोर हो रहा था इसलिए उसने अपनी मोबाईल फ़ोन में चुटकुले देखने लगा |राहुल मैदान में बैठा बैठा बोर हो रहा था इसलिए उसने अपनी मोबाईल फ़ोन में चुटकुले देखने लगा | तभी उसकी नज़र घर के पास वाले रेलवे लाइन की तरफ गयी ,उसने देखा कि वही लड़की धीरे धीरे उसकी ओर आ रही है जिसे उसने रेलवे लाइन के पास वाले आम के पेड़ में गायब होते देखा था |फिर से वही लड़की को देख राहुल की आवाज़ बंद हो गयी अब वह राहुल के काफी करीब आ चुकी थी पर राहुल जैसे की उसे देख आकर्षित सा हो चूका था इसलिए भागना ही भूल गया परन्तु कुछ मिनटों के बाद जब राहुल को ये लगा कि अब वह भाग सकता है तब वह दौड़ कर अपने घर भागा और खिड़की -दरवाजे को बंद करके एक कोने में सिकुड़कर डरा डरा कांपने लगा| कुछ ही देर में सुबह हो गयी| राहुल की मम्मी जब जाग गयी तब उन्होंने देखा कि राहुल दरवाजे के कोने में बैठ कांप रहा हैं |
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©अविनाश कुमार साह
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