...

22 views

एक बेटा ऐसा भी
आज मैं आप लोगों को मदर्स डे के उपलक्ष में एक कहानी सुनाने जा रही उस मां की प्रतिज्ञा की कहानी है |उस मां की बलिदान की कहानी है एक समय की बात है एक गांव में दंपति रहा करते थे वह दंपति बहुत ही सुलझे एक दूसरे को समझने वाले दंपति थे हर सुख दुख में एक दूसरे का साथ देते थे मगर किस्मत का खेल तो देखो दुर्भाग्यवश उनके वहां शादी के कई साल बाद भी कोई भी संतान नहीं हुई|गांव के लोगों ने उसे बहुत ही बुरा भला कहते रहते घरवाले उसे दिनभर ताना देते रहते थे उसे पीठ पीछे बहुत ही बुरा भला कहते थे फिर उस दंपति ने सोचा क्यों ना हम एक बच्चा गोद ले उसके बाद उन्होंने एक बच्चा गोद लिया दंपति बहुत ही अमीर थे तथा उन्होंने बच्चे की परवरिश की और उस बच्चे का दाखिला एक अच्छी स्कूल में करवाया जब वह बच्चा बड़ा हो गया तब उसके पिता ने उसने सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी और दुर्भाग्यवश कुछ समय बाद उसके पिता का देहांत हो गया |तब उसकी बूढ़ी मां ने उसे कहा बेटा तू विवाह कर लो क्या पता बाद मैं रहूं ना रहूं तुम अकेले पड़ जाओगे|और एक मां का दिल तो मां का दिल ही होता है बेशक हो उसकी संतान ना था मगर उसे बहुत ही प्रेम करती थी |उस लड़के ने मां की बात मानी और विवाह कर लिया वक्त का खेल देखो साहब कुछ समय बाद उसके बेटे उसके बेटे ने अपनी मां को घर से निकाल दिया तथा उसकी पूरी जाईजात और गहने भी ले लिए अपनी मां को दर-दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर कर दिया उसके बाद उसकी मां ने वृद्ध आश्रम का सहारा लिया और वह अभी भी वृद्धाश्रम मैं है |ऐसे लोगों को मदर्स डे मनाने का कोई अधिकार नहीं है |आप इस बारे में क्या सोचती है अपनी राय लिखें