अधूरी इच्छा
मृत्यु के बाद भी कुछ इच्छाएं अधूरी रह जाती है , जिनकी वजह से मनुष्य अपना देह तो त्याग देता है परंतु मोक्ष को प्राप्त नहीं कर पाता । यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है ।
कहानी की शुरुवात एक श्री नाम के लड़के से होती है । श्री एक अच्छे खानदान में पला बड़ा लड़का था , उसे किसी चीज की कमी ना थी , सारी चीज़े उसे मांगने से पहले मिल जाया करती थी । श्री का एक बेहद करीबी दोस्त भी था ,उसका नाम श्याम था , दोनो एक दम पक्के दोस्त थे , लेकिन श्याम एक गरीब परिवार से था , गरीब परिवार से ताल्लुक रखने से भी श्री को इससे को परेशानी ना थी । दोनो में खूब जमती थी ,दोनो की उम्र (15)लगभग समान थी ।
श्याम गांव में रहता था , जबकि श्री गांव से दूर हवेली में रहता था । दोनो की पहली मुलाकात तालाब के किनारे हुई थी , जब श्री अपने नौकरों के साथ हवेली से बाहर गांव घूमने गया था , श्री तालाब के किनारे बैठा था और पैर हिला रहा था उसके पैर से एक जूता निकल कर तालाब में गिर गया , फिर वह उस जूते को निकलने के लिए तालाब में उतर गया लेकिन दुर्भाग्यवश उसे तैरना नहीं आता था तो वह डूबने लगा , और चिल्लाने लगा कोई हमें बचाओ ! कोई हमें बचाओ , हमारी मदद करो उस वक्त वहां कोई नहीं था उसके नौकर श्री के लिए कुछ खाने का लेने चले गए थे । उसी वक्त श्याम तालाब के पास से ही गुजर रहा था , तो उसने आवाज सुनी किसी के चिल्लाने की वह दौड़ता हुआ तालाब के पास पहुंचा , तो उसे किसी का हाथ दिखा तालाब में , वह बिना कुछ सोचे कूद गया तालाब में उस शख्स को बचाने ,और बड़ी मशक्कत के बाद उसने उस शख्स (श्री) को तालाब से बाहर निकाल लिया , परंतु पानी में डूबने की वजह से वह बेहोश हो गया था , श्याम ने उसके पेट को दबाया और पेट से पानी बाहर निकल गया साथ ही श्री को होश आ गया , श्री ने श्याम को धन्यवाद कहा , श्याम ने कहा इसकी कोई आवश्यकता नहीं यह तो हमारा फर्ज था , फिर श्री ने श्याम को कहा क्या हम आप से दोस्ती कर सकते है , श्याम ने कहा हा जरूर , श्री ने कहा आज से आप हमारे सबसे खास मित्र है , और हमेशा रहेंगे । फिर दोनों उठ कर खड़े हुए और हाथ मिलाया और एक दूसरे के गले मिलें , कुछ क्षण बीत जाने के बाद श्री के नौकर खाना लेकर वापस आ जाते है , और श्री की ऐसी हालत देखकर बेहद हैरान हो जाते है और श्री से पूछते है क्या हुआ बाबा आप गिले कैसे हो गए तब श्री सारी घटना उनको बताता है उसके बाद अपने प्रिय मित्र श्याम से मिलवाता है और कहता है यदि आज श्याम ना होता तो आज हम आपके...
कहानी की शुरुवात एक श्री नाम के लड़के से होती है । श्री एक अच्छे खानदान में पला बड़ा लड़का था , उसे किसी चीज की कमी ना थी , सारी चीज़े उसे मांगने से पहले मिल जाया करती थी । श्री का एक बेहद करीबी दोस्त भी था ,उसका नाम श्याम था , दोनो एक दम पक्के दोस्त थे , लेकिन श्याम एक गरीब परिवार से था , गरीब परिवार से ताल्लुक रखने से भी श्री को इससे को परेशानी ना थी । दोनो में खूब जमती थी ,दोनो की उम्र (15)लगभग समान थी ।
श्याम गांव में रहता था , जबकि श्री गांव से दूर हवेली में रहता था । दोनो की पहली मुलाकात तालाब के किनारे हुई थी , जब श्री अपने नौकरों के साथ हवेली से बाहर गांव घूमने गया था , श्री तालाब के किनारे बैठा था और पैर हिला रहा था उसके पैर से एक जूता निकल कर तालाब में गिर गया , फिर वह उस जूते को निकलने के लिए तालाब में उतर गया लेकिन दुर्भाग्यवश उसे तैरना नहीं आता था तो वह डूबने लगा , और चिल्लाने लगा कोई हमें बचाओ ! कोई हमें बचाओ , हमारी मदद करो उस वक्त वहां कोई नहीं था उसके नौकर श्री के लिए कुछ खाने का लेने चले गए थे । उसी वक्त श्याम तालाब के पास से ही गुजर रहा था , तो उसने आवाज सुनी किसी के चिल्लाने की वह दौड़ता हुआ तालाब के पास पहुंचा , तो उसे किसी का हाथ दिखा तालाब में , वह बिना कुछ सोचे कूद गया तालाब में उस शख्स को बचाने ,और बड़ी मशक्कत के बाद उसने उस शख्स (श्री) को तालाब से बाहर निकाल लिया , परंतु पानी में डूबने की वजह से वह बेहोश हो गया था , श्याम ने उसके पेट को दबाया और पेट से पानी बाहर निकल गया साथ ही श्री को होश आ गया , श्री ने श्याम को धन्यवाद कहा , श्याम ने कहा इसकी कोई आवश्यकता नहीं यह तो हमारा फर्ज था , फिर श्री ने श्याम को कहा क्या हम आप से दोस्ती कर सकते है , श्याम ने कहा हा जरूर , श्री ने कहा आज से आप हमारे सबसे खास मित्र है , और हमेशा रहेंगे । फिर दोनों उठ कर खड़े हुए और हाथ मिलाया और एक दूसरे के गले मिलें , कुछ क्षण बीत जाने के बाद श्री के नौकर खाना लेकर वापस आ जाते है , और श्री की ऐसी हालत देखकर बेहद हैरान हो जाते है और श्री से पूछते है क्या हुआ बाबा आप गिले कैसे हो गए तब श्री सारी घटना उनको बताता है उसके बाद अपने प्रिय मित्र श्याम से मिलवाता है और कहता है यदि आज श्याम ना होता तो आज हम आपके...