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"अंजाना प्यार"
जब भी देखू तुझे, इतना प्यार मुझे आता है। 😍 नहीं होता जब दीदार तेरा, तो मेरा दिल बहुत घबराता है। 🙄 जब भी सोचूँ तुझे, मेरे दिमाग को कुछ ओर समझ नहीं आता है।🤥 क्या बताऊँ अपने दिल का आलम मेरी आखों को बस एक तेरा ही चेहरा नजर आता है।🤩
तो हैलो दोस्तो, कैसे हो आप सब?मुझे उम्मीद है कि आप बढ़िया होंगे।🤞 आप लोग मुझे तो जानते ही हैं, अगर नहीं भी जानते तो कोई बात नही।😉 मैं आपके लिए एक और नयी प्रेम कहानी लेकर आया हूं, और मेरी यहीं कोशिश है कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी।❣️

ये कहानी है उन दिनों की जब हम स्कूल जाया करते थे।🤗 मासूम सा चेहरा, पीठ पर किताबों का बस्ता, होठों पर मुस्कान, और दिलो में प्यार लिए,🙃 जवानी छोड़ो बचपन ही जी लो। खेर उस समय मेरी उम्र 15 साल रहीं होगी, जब मुझे मेरी एक दोस्त से प्यार हुआ।☺️ यू कहू तो वो मेरे घर के पास रहती थी, मगर मेरे दिल मे उसकी एक अलग जगह थी। ओर शायद उसके भी दिल में मेरे लिए कुछ तो था ही, नहीं तो वो मुझसे इतना ना मिलती।😛 हम एक साथ स्कूल जाते थे, ओर लौट कर वापस आते थे।
मेरे सभी दोस्त मुझे चिढ़ाते थे, क्यूंकि मैं उसके साथ ही खेलता रहता था, और वो भी मेरे साथ रहना पसंद करती थी।🙃 हम दोनों एक साथ रहते- रहते कब 2 साल बीत गए, पता ही नहीं चला। हमको हमेशा एक साथ देख कर हमारे घर वाले भी चिल्लाने लगे थे, ओर शायद यहीं कारण रहा होगा जब वो मुझसे अलग हुई।😔 खेर फिर भी मेरी उससे कभी-कभी फोन पर बात हो जाती थी, और कभी-कभी वो मेरे घर आया करती थी। लेकिन अब मुझे उससे मिलने में वो संतुष्टि नहीं मिलती थी जो पहले मिला करती थी। 😕

अब पूरा एक साल बीत गया, जब से वो मुझसे दूर हुईं थीं।🥲 आखों में उसके चेहरे की तस्वीर लिए, अपने होंठों पर उसकी हसी की लाली लेकर, मैं अब अकेला ही तन्हाई का रास्ता नाप रहा था।😵‍💫 क्यूंकि अब उसने मेरे साथ बात करना बंद कर दिया था, ओर मैं करता भी क्या? बस आखों के आसुओं को सबसे छुपाया करता था, उसके ही खयालों को बुन लिया करता था। बोलता नहीं था मैं किसी से, मेरा दिल भी बार-बार टूट जाया करता था। उसके यादों के ग़मों को पानी में गोल कर पी जाया करता था, और मैं करता भी क्या?☹️

जैसे-जैसे वक़्त बिता मैंने खुद को सम्भालाना सुरू किया, अब खुद के सिवा किसी ओर से दिल नहीं लगाया।🥺 लेकिन वक़्त के हालातों से अनजान मैंने अपनी लाइफ के फैसले लेने सुरू ही किए, कि अचानक ही मेरी उससे मुलाकात हुई।🤫 यू तो हमने बीती बातों को अब नहीं खोला लेकिन हाँ दिल मे एक दर्द-सा💔 हुआ। प्यार नहीं था उसको मुझसे, ये तो मुझे मालूम था लेकिन फिर भी सोचा एक अच्छी दोस्त तो थी ही।💯 हाँ मगर खुदा को भी मेरी उससे दोस्ती पसंद नहीं आयी, तभी उसके साथ गलत किया। क्या बताऊँ दोस्तो? जब वो मुझसे मिली तो अस्पताल🤕 में थी,हालत उसकी सही नहीं थी, और हालात मेरे सही नहीं रहे। 🤒
यू तो अब उसके सेहत में सुधार आया है,😌 मगर मैंने खुद को उससे दूर कर लिया है। मन मे एक डर था न जाने कही फिर प्यार हो जाये तो अब खुद को संभाल नहीं पाऊँगा।🥲 मैंने भी उसको अपना एक अच्छा दोस्त माना है, और वो भी मेरी दोस्ती को मानती है।🤜
© by :- kk writer