मानसिक जकड़ पकड़....एक टॉक्सिक रिलेशनशिप भाग 4
फिर इस तरह दिन पर दिन बीते सौम्या को लगा की जब उसे भूषण से बात करना अच्छा लगता है मतलब वो उसे प्यार करती है ...क्युकी भूषण उसे मनाने में तो लगा ही था की हम रिलेशन में आते भी है तो इसमें गलत क्या है?? वो नही बोलती पर...घंटो इसी बात पर बहस होती थी ...किसी भी प्रकार भूषण सौम्या पर बातों एक मानसिक दबाव सा डालता था...उसके दिमाग को वो मनवाने लगा रहा था की " मैं प्यार करता हु तो तू भी हा ही बोल" और सौम्या को एक दिन वो मनवाने में सक्सेस हो गया। अब दोनो रिलेशन में आ गए लेकिन अभी भी सौम्या इस बात से अंदर ही अंदर सहमत नही हो पा...