कोई भी नही
सोचता रहता हूँ बैठकर दिनभर
पर क्या सोचता हूँ ये जानता भी नही
डूबा रहता हूँ सवालों मे
लेकिन उनके जवाबों को मानता भी नही
उदासी पैर पसार रही है मेरे ख्वाबों मे
और हकीकत मे भी,
मेरी ख़ुशियाँ मानो जैसे खोयी...
पर क्या सोचता हूँ ये जानता भी नही
डूबा रहता हूँ सवालों मे
लेकिन उनके जवाबों को मानता भी नही
उदासी पैर पसार रही है मेरे ख्वाबों मे
और हकीकत मे भी,
मेरी ख़ुशियाँ मानो जैसे खोयी...