एक माचिस की डिबिया
माचिस की डिबिया ले लो,साहब १ रुपया की एक है ले लो ना।
बाज़ार में ऐसी आवाज गूंज रही थी उस दिन बहुत सर्दी थी ,एक छोटी सी बच्ची हाथ में एक थैला लिए माचिस बेच रही थी ,वो एक दम पतली सी थी ,एक गुथ कर के चोटी बनाई हुई थी , चहेरा एक दम पीला पड़ा हुआ था मानो कब से कुछ खाया ना हो ,एक फॉर्क पहनी हुई थी और एक पतली सी पैंट, पैरो मै...
बाज़ार में ऐसी आवाज गूंज रही थी उस दिन बहुत सर्दी थी ,एक छोटी सी बच्ची हाथ में एक थैला लिए माचिस बेच रही थी ,वो एक दम पतली सी थी ,एक गुथ कर के चोटी बनाई हुई थी , चहेरा एक दम पीला पड़ा हुआ था मानो कब से कुछ खाया ना हो ,एक फॉर्क पहनी हुई थी और एक पतली सी पैंट, पैरो मै...