Chhedkhani se bachaav ke liye
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काशी की बेटियों ने बनाया स्मार्ट रेडियो फ्रीक्वेंसी वाला चाकू युक्त डिवाइस
ऐसे करेगा काम-
स्मार्ट चाकू बनाने वाली वाराणसी की शालिनी और दीक्षा के अनुसार यह चाकू आम चाकू जैसा नहीं हैं।
उन्होंने बताया की यह स्मार्ट चाकू हैं जिसमें एक सिम कार्ड लगाया जाता है, जिससे मदद से मुसीबत में फंसी महिला अपराधियों से अपनी आत्मरक्षा कर सकती हैं।
स्मार्ट चाकू में लगी सिम में फीड किये गए नंबर की सहायता से जब भी कोई महिला किसी मुसीबत में होगी तो वह आसानी से स्मार्ट चाकू में लगे बटन की सहायता से उसमे फीड नंबर पर एक क्लिक में कॉल कर सकती हैं। कॉल करने पर स्मार्ट चाकू में फीड नंबर पर कॉल के साथ महिला का लोकेशन भी चला जायेगा।
जिसकी मदद से महिला की मदद के लिए आसानी से पहुंचा जा सकेगा और चाकू होने के कारण तब तक महिला अपनी आत्म रक्षा भी कर सकेगी।
देश में बढ़ती महिलाओं के साथ छेड़खानी, दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए काशी की दो बेटियों ने जो निजी इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाली कंप्यूटर साइंस की स्टूडेंट शालिनी और दीक्षा ने इसे तैयार किया है।
1500 रुपए खर्च कर उन्होंने इसे तैयार किया है। स्टील से बने इस चाकू का वजन तकरीबन 70 ग्राम है और इस चाकू को पूरा तैयार होने में 1 महीने का समय लगा है। इन्होंने इसे 'स्मार्ट चाकू' का नाम दिया है।
देखने में यह चाकू ज्वैलरी से सजाया हुआ है ताकि कोई आसानी से इसकी पहचान न कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर काशी की दो बेटियों ने खास तरह का महिला सेफ्टी डिवाइस बनाया है।
देश में बढ़ रहे छेड़खानी, रेप - गैंगरेप जैसी वारदातों को देखते हुए दोनों लड़कियों ने इसे तैयार किया है। इस डिवाइस का उपयोग महिलाएं किसी भी परेशानी में अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
शालिनी और दीक्षा ने बताया कि इस चाकू में एक सिम कार्ड लगाया गया है और इस स्मार्ट चाकू में 3 नंबरों पर एक साथ लोकेशन कॉल जा सकता है।
यह डिवाइस रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नोलॉजी पर काम करती है। ब्लूटूथ के जरिए इस डिवाइस को मोबाइल से जोड़ा जा सकता है।
इस चाकू का इस्तेमाल करना काफी आसान है। इसे कोई भी इंसान आसानी से रख सकता है, इसका इस्तेमाल कर सकता है।
इसमें लोकेशन भी शेयर होता है। जिससे घर वाले और पुलिस आसानी से समय रहते मुसीबत में फंसी महिला तक पहुँच सकते हैं और उसकी जान बचा सकते हैं।
छात्राओं का कहना है कि देश में और इस लॉकडाउन में महिलाओं के साथ लगातार छेड़खानी और बलात्कार जैसी खबरें सुनने के बाद उन्होंने इस तरह का डिवाइस तैयार किया है।
✍️ अनुभा पुरोहित चतुर्वेदी
© All Rights Reserved
काशी की बेटियों ने बनाया स्मार्ट रेडियो फ्रीक्वेंसी वाला चाकू युक्त डिवाइस
ऐसे करेगा काम-
स्मार्ट चाकू बनाने वाली वाराणसी की शालिनी और दीक्षा के अनुसार यह चाकू आम चाकू जैसा नहीं हैं।
उन्होंने बताया की यह स्मार्ट चाकू हैं जिसमें एक सिम कार्ड लगाया जाता है, जिससे मदद से मुसीबत में फंसी महिला अपराधियों से अपनी आत्मरक्षा कर सकती हैं।
स्मार्ट चाकू में लगी सिम में फीड किये गए नंबर की सहायता से जब भी कोई महिला किसी मुसीबत में होगी तो वह आसानी से स्मार्ट चाकू में लगे बटन की सहायता से उसमे फीड नंबर पर एक क्लिक में कॉल कर सकती हैं। कॉल करने पर स्मार्ट चाकू में फीड नंबर पर कॉल के साथ महिला का लोकेशन भी चला जायेगा।
जिसकी मदद से महिला की मदद के लिए आसानी से पहुंचा जा सकेगा और चाकू होने के कारण तब तक महिला अपनी आत्म रक्षा भी कर सकेगी।
देश में बढ़ती महिलाओं के साथ छेड़खानी, दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए काशी की दो बेटियों ने जो निजी इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाली कंप्यूटर साइंस की स्टूडेंट शालिनी और दीक्षा ने इसे तैयार किया है।
1500 रुपए खर्च कर उन्होंने इसे तैयार किया है। स्टील से बने इस चाकू का वजन तकरीबन 70 ग्राम है और इस चाकू को पूरा तैयार होने में 1 महीने का समय लगा है। इन्होंने इसे 'स्मार्ट चाकू' का नाम दिया है।
देखने में यह चाकू ज्वैलरी से सजाया हुआ है ताकि कोई आसानी से इसकी पहचान न कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर काशी की दो बेटियों ने खास तरह का महिला सेफ्टी डिवाइस बनाया है।
देश में बढ़ रहे छेड़खानी, रेप - गैंगरेप जैसी वारदातों को देखते हुए दोनों लड़कियों ने इसे तैयार किया है। इस डिवाइस का उपयोग महिलाएं किसी भी परेशानी में अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
शालिनी और दीक्षा ने बताया कि इस चाकू में एक सिम कार्ड लगाया गया है और इस स्मार्ट चाकू में 3 नंबरों पर एक साथ लोकेशन कॉल जा सकता है।
यह डिवाइस रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नोलॉजी पर काम करती है। ब्लूटूथ के जरिए इस डिवाइस को मोबाइल से जोड़ा जा सकता है।
इस चाकू का इस्तेमाल करना काफी आसान है। इसे कोई भी इंसान आसानी से रख सकता है, इसका इस्तेमाल कर सकता है।
इसमें लोकेशन भी शेयर होता है। जिससे घर वाले और पुलिस आसानी से समय रहते मुसीबत में फंसी महिला तक पहुँच सकते हैं और उसकी जान बचा सकते हैं।
छात्राओं का कहना है कि देश में और इस लॉकडाउन में महिलाओं के साथ लगातार छेड़खानी और बलात्कार जैसी खबरें सुनने के बाद उन्होंने इस तरह का डिवाइस तैयार किया है।
✍️ अनुभा पुरोहित चतुर्वेदी
© All Rights Reserved
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