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कोई तो है ....2
अगर आपने भाग एक नही पढ़ा तो प्रोफाइल में जाके पढ़ ले .


उस दिन मैं डरते डराते घर आ गया मैने इस वाक्ये के बारे में किसी को नही बताया क्युकी अगर मैं ये सब बताता तो पहले तो कोई मेरी बातो पर विश्वास नहीं करता और दूसरा सब मेरा मजाक उड़ाते
हमारे घर मे भूत जैसी चीजों को कोई बढ़ावा नही देता। मुझे उस रात नींद नही आई और बस डर ही लगता रहा।
इस बात को धीरे धीरे 3 दिन गुजर गए मै ना तो घर से बाहर गया और ना किसी से मिला
तीसरे दिन मेरा दोस्त मेरे घर आया और उसने बाहर ना जाने की वजह पूछी मै काफी दुविधा में था पर मैंने उसे सब कुछ बता दिया पहले तो उसे भी लगा की मैं कहानी बना रहा हु पर फिर उसने कहा ऐसा कुछ नही होगा चल मै तेरे साथ चलता हु।
मैने उसे समझाया की वहा वापस जाना खतरनाक है पर उसने मेरी कोई बात नही सुनी।
हम उसी समय पे फिर से वहा पहुंचे मैं उसको वही ले गया जहा से मैने पानी पिया था मेरे दोस्त ने जब उस नल को चालू किया तो उससे कोई पानी नहीं निकला। तभी मेरे दोस्त ने कहा भाई देख यहां कुछ नही है।
फिर हम उन क्लासेज की तरफ भी गए वहा भी बोर्ड एकदम गंदे पड़े थे और नोटिस बोर्ड भी एकदम गंदा था और उसमे कुछ लिखा भी नही था फिर हम उस टंकी पे गए हालाकि वो टंकी का नजारा वैसा ही था। जिससे मैने उसे ये साबित कर दिया था की अगर टंकी में पानी नहीं है तो हम इतने दिनो से पानी कहा से पीते आ रहे है।
हम यही सब बाते कर रहे होते है की तभी एक कटी हुई पतंग हमारे नजदीक से निकलती है और स्कूल के पीछे की तरफ गिर जाती है हम भी जल्दी से छत से देखने के लिए जाते है और जब हम नीचे देखते है तो वहा का नजारा बहुत ही भयानक था वहा पर एक कब्रिस्तान था जिसकी जानकारी हमे पहले थी ही नहीं क्युकी हम कभी यहां तक आए ही नही थे।
कब्रिस्तान से थोड़ा आगे एक कुंआ था और पतंग वही पे जा के गिरी थी
क्युकी वो कुआ कब्रिस्तान के बाहर था तो हमने सोचा हम वहा जा सकते है क्युकी दिन का समय था और हमने आज कोई ऐसी खास घटना भी नही महसूस की जिससे हम बहुत ज्यादा डरे हो।
हम नीचे उतरे दीवाल से छलांग लगा के कब्रिस्तान के पास से होते हुए कुएं की तरफ चले गए।
मेरा दोस्त मुझसे थोड़ा आगे चल रहा था। वो मुझसे पहले कुएं तक पहुंचा और उसने कुआ के बाहर से पतंग का धागा खींचा पर शायद पतंग कही फसी हुई थी तो उसने पतंग निकालने के लिए कुएं के अंदर देखा....
और वो पतंग छोड़ के वहा से उल्टे कदमों से भागने लगा मैने उससे पूछा क्या हुआ उसके मुंह से शब्द नही निकले और उसने मुझे इशारा किया की यहां से चलो... पर मैं समझ नही पा रहा था क्या हुआ है मै कुएं की तरफ बढ़ा और मैने कुएं में देखा तो वहा पर उसी गार्ड की बॉडी पढ़ी हुई थी देखने से लग रहा था की उसको मरे हुए 2 से 3 साल हो गए है... और उसके आस पास 10 नई पुरानी पतंगे पड़ी थी....
मैं वहा से भागा और फिर कभी उस स्कूल की तरफ नही गया... ना ही हमने ये बाते किसी से कही क्युकी हमे यकीन था की हम जो भी देखा वो सब किसी और को दिखाई नही देगा...

© diwyank yadav