...

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गुमनाम हो गए हम
गुमनाम हो गए हम कुछ वक्त के लिए,
अपनों से ही अनजान हो गए हम।
ज़िंदगी में मंजिल अपनी को पाने के ,
लिए अब दर-दर भटक रहे थे हम।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
अब अपनी मंजिल को पाना है खूब,
मेहनत करके कुछ करके दिखाना है।
जो बोलते थे ना यह कुछ नहीं कर,
सकता उन सबका मुँह बंद करवाना है ।
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अपने माता-पिता की ख़्वाहिशों और,
उनके सपनों को मुझे अब पूरा करना है।
खूब मेहनत करके अपने माता-पिता,
के लिए एक सुंदर स घर बनवाना है।
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अपने माता-पिता को मुझे बहुत लायक,
और समझदार बेटा बनकर दिखाना है।
उनकी खुशियों के लिए अब अपना यह,
जीवन मुझे को उनको समर्पित करना है।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
गुमनाम हो गए हम कुछ वक्त के लिए,
अपनों से ही अनजान हो गए हम।
ज़िंदगी में मंजिल अपनी को पाने के,
लिए अब दर-दर भटक रहे थे हम।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
💐💐💐रजनी भारद्वाज 💐💐💐