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आपका गुस्सा क्या दर्शाता है?
जो ये हमको बात बात पर गुस्सा आता है, ये हमें क्यों आता हैं ,और ये आपके बारे में क्या दर्शाता हैं ? लेकिन ये चीज जानने का तो time ही नहीं है न अपने पास ? और भी बहुत कुछ है अपने पास time pass करने को। इस नई दुनिया की चका चौंध में हमने अंधे होकर अपनी चेतना ही खो दी है।
गुस्सा एक मुख्य अवगुण है समाज में, किसी को रति भर भी अपमान सहन नहीं होता है, लोग लड़ने को तैयार रहते हैं। अपन ने अपनी मानसिकता दूषित कर ली है।
साधारण मनुष्य को आने वाले गुस्से को मानसिक विकार नहीं कह सकते। वो तो बेचारा मजबूर है। मजबूर कैसे है और आध्यात्मिक रूप से दया का पात्र कैसे है वो हम अभी देखेंगे।
तो सवाल है की गुस्सा क्यों आता है और ये आपके बारे में क्या बताता है।
ज्यादा उत्सुक होकर ये ना सोचे की मैं आपकी "personality" बता रहा हु, की आप और मैं बड़े ही धांसू लग रहे है गुस्से में।

देखिए मैं आपको गुस्से के फायदे बताता हु
1)गुस्सा आने पर आप सब से प्यार से बात करेंगे।
2)गुस्सा आने पर आप हर काम ध्यान से कर पाएंगे।
3)गुस्सा आने पर आप सबकी सुनेगे और गलत फैसला नहीं लेंगे।
4)गुस्सा आने पर आप उच्चतम मानसिक स्थिरता पर होंगे।
5) गुस्सा आने पर आप अपनो से संभावना है की अच्छी तरह से बात करेंगे।

चलो एक बार इतने ही फायदे बताता हु।

अब सवाल है की आपको लाभ उठाने के लिए गुस्सा कैसे लाना है।
तो गुस्से का जन्म होगा अज्ञानता से।
जब आपको को कोई बात का हल नहीं मिलेगा तो आप गुस्सा होने में सफल हो जाओगे।(यहां वयंग्यात्मक तरीके से हमने गुस्से का कारण बता दिया है।)

तो गुस्सा अज्ञानता से आता है, कोई बात का हल न मिले तो गुस्सा और चिड़चिड़ापन 🆓 में मिलता हैं।
तो इस सवाल का जवाब मिल गया की गुस्सा आपके बारे में क्या दर्शाता है,
गुस्सा दर्शाता है की हम अज्ञानी हैं और सीधा सीधा बोलु तो हम मूर्ख हैं।

तो अगली बार गुस्सा न करे समस्या का समाधान करे।

गीता के अनुसार गुस्सा जिन विषयो के प्रति आसक्ति है उनमें अड़चन आने पर आता है।
तो यहा भी कहा जा सकते है की अपने पास अड़चन दूर करने का उपाय नहीं है।

गुस्से से नुक्सान ?
गीता के अनुसार गुस्सा करने से व्यक्ति मुढभाव को प्राप्त होता है और उसका अपनी स्थिति से पतन हो जाता है।

तो अब के लिए इतना ही , हमें सिखना यही है की हर प्रकार की समस्या के समाधान से गुस्सा खत्म होगा, वरना जिंदगी और लोगों के साथ समझौता करना पड़ेगा।

© Kuldeep_Saharan