मन की दूरियां
एक विद्यालय में गीता अध्यापक हैं। उसके ही विद्यालय में पढ़ाने वाली अन्य सहायक कर्मियों के साथ उसकी अच्छी दोस्ती थी । गीता बहुत ही तुनक मिजाज की थी। हां पर मन की साफ़ थी। अगर उसे कुछ अच्छा नहीं लगता, तो वह पीठ पीछे कहने की बजाय साफ़ मुंह पर कह देती। जिससे लोग उसे पसंद नहीं करते थे। जैसा कि सभी जानते हैं अगर कोई गलत भी है, परंतु आप उसे गलत कहने के बजाय अगर आप उसकी हां में हां मिलाए, तो लोग आपको अच्छा...