जमीन (भाग ३)
सात बज चुके थे ।सारिका घर पहुंच चुकी थी।
घर पर दोनों भाई रामानुज व सुशील भी पहुंच चुके थे। मां रसोई में थी। उन्होंने कहा, सारिका बेटा, मुंह हाथ धोकर फ्रैश हो जाओ और मैं चाय बनाकर लाती हूं।
मां ने सारिका के चेहरे की उदासी को भांप लिया था। अतः चाय पीते पीते मां ने पूछा, बेटा,आफिस में सब ठीक-ठाक है न ।
हां, मम्मी जी, सब ठीक है। सारिका ने कहा।
मम्मी जी:-सारिका बेटा,तुम मुझसे कुछ छिपा रहे हो। इतनी उम्र हो गई है मेरी, बच्चों के मन में क्या है,अब सब पता चल जाता है।
अच्छा बताओ, तुम्हारे ताऊ जी के जमीन के
आवेदन पर क्या कार्यवाही हुई है?
सारिका:-मैने तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर लिख दिया था कि जमीन के मालिकाना हक के सत्यापन के बिना उन को
"लैंड यूज़ चेंज"की अनुमति नहीं दी जा सकती है।इस पर रख डी.एम.साहब ने मुझे एक बार पुनरावलोकन करने के लिए लिख दिया।
भाई...
घर पर दोनों भाई रामानुज व सुशील भी पहुंच चुके थे। मां रसोई में थी। उन्होंने कहा, सारिका बेटा, मुंह हाथ धोकर फ्रैश हो जाओ और मैं चाय बनाकर लाती हूं।
मां ने सारिका के चेहरे की उदासी को भांप लिया था। अतः चाय पीते पीते मां ने पूछा, बेटा,आफिस में सब ठीक-ठाक है न ।
हां, मम्मी जी, सब ठीक है। सारिका ने कहा।
मम्मी जी:-सारिका बेटा,तुम मुझसे कुछ छिपा रहे हो। इतनी उम्र हो गई है मेरी, बच्चों के मन में क्या है,अब सब पता चल जाता है।
अच्छा बताओ, तुम्हारे ताऊ जी के जमीन के
आवेदन पर क्या कार्यवाही हुई है?
सारिका:-मैने तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर लिख दिया था कि जमीन के मालिकाना हक के सत्यापन के बिना उन को
"लैंड यूज़ चेंज"की अनुमति नहीं दी जा सकती है।इस पर रख डी.एम.साहब ने मुझे एक बार पुनरावलोकन करने के लिए लिख दिया।
भाई...