..........उज्वला...........
आज एक बार फिर से बूढ़ी अम्मा के घर से धुआं उठ रहा था | मई का महीना अपने उपस्थित होने का एहसास करा रहा था | अंदर जाकर देखा तो बूढ़ी अम्मा एक हाथ से आंखों को मलती तो,दूसरे हाथ से फुकनी से फुकर कर चूल्हा जलाने का प्रयास कर रही थी | अम्मा कैसी हो?क्या कर रही हो मैंने पास आकर पूछा | पर अम्मा ने कोई जवाब ना दिया, तभी मेरी नजर पास में ही रखे गैस सिलेंडर पर गई|...