...

1 views

भोर
भोर

नवल भोर की नूतन ऊर्जा,सुबह की पुण्य प्रभाती में
स्नेहिल - स्वजनों का प्रेम, पुण्य धरा की थाती में,
भौरों के गुन्जन को देखा ,नव कलिका के वन्दन में
स्नेहिल आभा की लौ दिखती है,प्रीत प्यार की बाती में... हमे दर्द बया करना आता नही
और खामोशी को लोग समझते नही।
अगर एक पल के लिए बया भी कर दे,
तो लोग मजाक बनाना अच्छे लोग से जानते हैं।
दुःख को बया ना करो और ख़ुशी में किसी को भूलो मत।
दुःख सुनते ही लोग साथ छोड़ जाते हैं,
खुशी में सब खुश हो कर साथ देते हैं।

केवल उम्मीद माँ और पापा जी से करो और किसी से करोगे तो वो तुम्हें उठने लायक नही छोडता पुरी तरह से तोड़ देते हैं।

इस कलयुगी दुनिया में कौन अपना है,
कौन नहीं ये तभी सामने आता है ।
जब कोई परेशानी सामने हो,
और कोई अपने जीवन का सबसे अहम हिस्सा या शब्द बोल के चला जाता है।
अजुं सिंह दिल्ली