संसार और आध्यात्म
पुरे प्रकृति पर बारीकी दृष्टि से देखते है तो सारे जीव जन्तुएं वर्णों और जाति व्यवस्था में सुव्यवस्थित है।
जैसे पक्षियों में भी कई जाति वर्ण के पाए जाते है वे सभी वर्गों में भी बंटे है, हर वर्गों का अपना समूह है।
जानवरों में भी वे अपने ही वर्ण जाति के साथ रहना पसंद करते हैं। मनुष्य में भी यही हाल है।
सभी यहां प्रजनन कर परिवार बढ़ाते है एक दिन स्वयं मर जाते है या मारे जाते है।
मनुष्यों की भी औकात इन सब कुछ भी ज्यादा नहीं है।
विधाता ने इस...
जैसे पक्षियों में भी कई जाति वर्ण के पाए जाते है वे सभी वर्गों में भी बंटे है, हर वर्गों का अपना समूह है।
जानवरों में भी वे अपने ही वर्ण जाति के साथ रहना पसंद करते हैं। मनुष्य में भी यही हाल है।
सभी यहां प्रजनन कर परिवार बढ़ाते है एक दिन स्वयं मर जाते है या मारे जाते है।
मनुष्यों की भी औकात इन सब कुछ भी ज्यादा नहीं है।
विधाता ने इस...