...

3 views

पुरुष पराजितया एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त कालसर्प दोष।।
एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में पुरुष की प्रजाति उनकी जननी के विचार तथा संकल्प को पूर्ण रूप से दरशाती है यदि अगर योनि के वीर्य में गुरु गुण प्रभावित है तो उन्हें सन्तान सुख का अभाव रहेगा।।
प्रथम वर्ग के पुरूष की की पहचान,जो दैवीकाल में जन्म ली हो, जो की वास्तविकता में कलियुग द्वारा देखा गया एक असम्भव स्वपन प्रतीत होता है।। ऐसे पुरुष हमेशा सत्यवान, पराक्रमी, तेसवी ,सनातन ,कहलाते हैं इनका सत्व काभी भ्रष्ट नहीं हो सकता है। द्वितीय वर्ग के पुरूष इनकी योनि हमेशा कलेश,दोष, विपक्ष के विपरित होती देखे गी। मूल्य ग्रस्त मूल्य रीढ़, तीसरा वर्ग -विचारगहसत, बुद्धिहीन,भृमक, आशावादी, सगुनवादी,मात्र एवं पिता, कुलवादी, पालनवादी,अज्ञावदी, समर्पणवादी, जीवनशैली वादी, मार्ग वादी, स्वर वादी ,ज्ञानवादी , भ्रमण वादी ,फलवादी,यह श्रृंखला पुरुष जाति पर निर्भर करती है मगर यदि अगर कोई यक्ति अपना कर्तव्य सत्व कर्म बचाकर असलियत में इन योनि का त्याग कर महापुरुष की श्रीढी शमित होना चहाता तो अपनी इस्त्री धर्म का पालन करना आवश्यक है ऐसा करके वो मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं।।
© All Rights Reserved