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🥀🌴🍁🍃आँगन के स्तम्भ..
🥀🌴आँगन के स्तम्भ...🍁🍃
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🥀🌴🍁🍃आँगन घर की आत्मा होती है ...आँगन की छत का भार संभालने वाले चार स्तम्भों में से एक थोड़ा कमजोर होकर जब झुकता दिखाई दिया तो घर के मालिक का ध्यान बाक़ि तीनो सही वालो की खूबसूरती से हटकर ,सारा का सारा ध्यान उस कमजोर स्तम्भ को कैसे उसके आज बाजू अन्य चीजों जैसे बांस बल्ली लोहा सीमेंट लगा कर मजबूती दे दे ....यानि जो तीन स्तम्भ सही है मजबूत उन से ध्यान हटा कर घर के स्वामी की ,पहली प्राथमिकता धन और समय कितना खर्च हो जाये ,पर वो एक कमजोर स्तम्भ फिर से मजबूत हो जाये ..अन्यथा इसका असर कुछ समय बाद बाक़ि सही स्तम्भों पर भी पड़ेगा और हो सकता है अगर ध्यान न दे घर के आँगन की छत ही न बचा सके......
🥀🍁🍃बिल्कुल इसी तरह घर परिवार में होता है ..परिवार में भी यदि कही किसी सदस्य में कही कोई कमी दिखाई पड़ती है न तो जो सही है न वहाँ से ध्यान हटा कर ,सब एक उसको ठीक करने में अपनी हर प्रकार की ऊर्जा झोंक देते है ...समय पैसा स्वास्थ्य कुछ भी याद नही रहता ....क्योकि उस एक सदस्य से बाक़ि दस की खुशियां जुड़ी होती है और उन सबके साथ से घर परिवार की छत कभी नही हिलने पाती ....
🥀$unit@tul~~
© sunita gupta