#B.ed._exam_invigilator_experience@25-05-2019
आज का अनुभव बताती हूँ, ईमानदारी का सबब बताती हूं,
चल रहा था बी. एड. का एग्जाम, निरीक्षक रुप में थी, ड्यूटी मेरी
तीन घंटे के इस पेपर में, घंटा भर गुजर जाने पर,
कोने में बैठी महिला बोली, मैडम, जरा आइयें, मैं चौंकी,
और वो बोली, नकल लाई हूं, देख लूंँ क्या ?
मैं हैरान और थोड़ा परेशान, चालू कैमरे की रिकॉर्डिग से बहाल,
सोच से परे, दिमाग काम न करें, डांटने के लहजे में बोला, ऐसी गलती न करना ।
उसे कहकर अजीब कशमकश में, सीनियर्स को बताया, और
उस महिला को बाहर लाया गया, लें उसकी तलाशी, पुनः पेपर करने बैठाया गया।
ऐसी अजीबोगरीब स्थिती थीं मेरी, उसकी ईमानदारी हास्याप्रद थीं,
और मेरी समझदारी बेमानी। दस-पंद्रह मिनट, तलाशी में खराब हुए उसके,
शर्मशार हुई वो अलग, पर साथ ही मैं सोच में थीं,
क्या ऐसे बनेगें देश के भावी शिक्षक ?
क्या ऐसे बनेगें देश के भावी शिक्षक ??
©Mridula Rajpurohit✍️
🗒️25 May, 2019 !
© All Rights Reserved
चल रहा था बी. एड. का एग्जाम, निरीक्षक रुप में थी, ड्यूटी मेरी
तीन घंटे के इस पेपर में, घंटा भर गुजर जाने पर,
कोने में बैठी महिला बोली, मैडम, जरा आइयें, मैं चौंकी,
और वो बोली, नकल लाई हूं, देख लूंँ क्या ?
मैं हैरान और थोड़ा परेशान, चालू कैमरे की रिकॉर्डिग से बहाल,
सोच से परे, दिमाग काम न करें, डांटने के लहजे में बोला, ऐसी गलती न करना ।
उसे कहकर अजीब कशमकश में, सीनियर्स को बताया, और
उस महिला को बाहर लाया गया, लें उसकी तलाशी, पुनः पेपर करने बैठाया गया।
ऐसी अजीबोगरीब स्थिती थीं मेरी, उसकी ईमानदारी हास्याप्रद थीं,
और मेरी समझदारी बेमानी। दस-पंद्रह मिनट, तलाशी में खराब हुए उसके,
शर्मशार हुई वो अलग, पर साथ ही मैं सोच में थीं,
क्या ऐसे बनेगें देश के भावी शिक्षक ?
क्या ऐसे बनेगें देश के भावी शिक्षक ??
©Mridula Rajpurohit✍️
🗒️25 May, 2019 !
© All Rights Reserved