शुभांग- द बैटल फार द एलिमेन्टल स्टोन-1
"सबसे पहले हम देखते हैं एक व्यक्ति को सैकड़ो लोगों से अकेला लड़ते हुए और अगले ही दृश्य में देखते हैं कि वह व्यक्ति अध्मरी हालत में होता और फिर हम देखते हैं एक भयानक युद्ध और प्रलय से काँपती धरती ||"
फिर होती है इस जादुई सफर की शुरुआत---
बहुत समय पहले की नहीं अभी की बात है, एक छोटे से नहीं बल्की बहुत बड़े पहाड़ी इलाके के जंगलों में एक छोटा सा अद्भुत गाँव था। यह गाँव अद्भुत इसलिए था क्योंकि बाहर की दुनिया को इस गाँव के बारे में कुछ नहीं पता था, लोग इसके अस्तित्व से अंजान थे।
यहाँ के लोगों में प्रकृति से बात करने कि,चीजों को बगैर छुए अपनी इच्छा से कही भी मूव कराने की ,कमाल कि रफ्तार और ताकत जैसी कई सारी अलौकिक शक्तियाँ थीं और यहाँ के लोगों मे सबसे खास और शक्तिशाली थे राजगुरु, जिनके अंदर कई सारी चमत्कारी शक्तियाँ थी। पूरे गाँव मे राजगुरू का ही शाशन था, सभी उनकी बात मानते थे |
परंतु बढ़ते वक्त के साथ वे कमजोर पड़ते जा रहा थे और अपनी शक्तियों को काबू नहीं कर पा रहे थे।
कई दिनों से ध्यान लगाते वक्त राजगुरु को बड़ा भयानक दृश्य दिख रहा था |
वे देखते हैं एक व्यक्ति को सैकड़ो लोगों से अकेला लड़ते हुए और अगले ही दृश्य में देखते हैं कि वह व्यक्ति अध्मरी हालत में गांव के अदृश्य कवच के भीतर होता है और फिर वह देखते हैं एक भयानक युद्ध और प्रलय से काँपती धरती ||
कई दिनों से राजगुरु इस मसले के चलते बहुत चिंतित थे| इसीलिए वह गांव वालों की एक सभा बुलाते हैं और सभी को बताते हैं कि "एक बहुत बड़ा खतरा इस पृथ्वी पर आने वाला है , वह सब फिर से शुरू होने वाला है और हम सभी इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है | इसी मौके का फायदा उठाते हुए उत्तरी कबीले वाले लोग हम पर हमला करने की शाजिश कर रहे हैं | इसीलिए हमें जल्द से जल्द खुद को तैयार करना होगा |"
तभी एक गांव का एक व्यक्ति बोलता है कि "हमने तो सदियों पहले योद्धा वाला रास्ता छोड़ दिया अब हम सभी किसानी करते हैं, हम उनका सामना कैसे कर...
फिर होती है इस जादुई सफर की शुरुआत---
बहुत समय पहले की नहीं अभी की बात है, एक छोटे से नहीं बल्की बहुत बड़े पहाड़ी इलाके के जंगलों में एक छोटा सा अद्भुत गाँव था। यह गाँव अद्भुत इसलिए था क्योंकि बाहर की दुनिया को इस गाँव के बारे में कुछ नहीं पता था, लोग इसके अस्तित्व से अंजान थे।
यहाँ के लोगों में प्रकृति से बात करने कि,चीजों को बगैर छुए अपनी इच्छा से कही भी मूव कराने की ,कमाल कि रफ्तार और ताकत जैसी कई सारी अलौकिक शक्तियाँ थीं और यहाँ के लोगों मे सबसे खास और शक्तिशाली थे राजगुरु, जिनके अंदर कई सारी चमत्कारी शक्तियाँ थी। पूरे गाँव मे राजगुरू का ही शाशन था, सभी उनकी बात मानते थे |
परंतु बढ़ते वक्त के साथ वे कमजोर पड़ते जा रहा थे और अपनी शक्तियों को काबू नहीं कर पा रहे थे।
कई दिनों से ध्यान लगाते वक्त राजगुरु को बड़ा भयानक दृश्य दिख रहा था |
वे देखते हैं एक व्यक्ति को सैकड़ो लोगों से अकेला लड़ते हुए और अगले ही दृश्य में देखते हैं कि वह व्यक्ति अध्मरी हालत में गांव के अदृश्य कवच के भीतर होता है और फिर वह देखते हैं एक भयानक युद्ध और प्रलय से काँपती धरती ||
कई दिनों से राजगुरु इस मसले के चलते बहुत चिंतित थे| इसीलिए वह गांव वालों की एक सभा बुलाते हैं और सभी को बताते हैं कि "एक बहुत बड़ा खतरा इस पृथ्वी पर आने वाला है , वह सब फिर से शुरू होने वाला है और हम सभी इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है | इसी मौके का फायदा उठाते हुए उत्तरी कबीले वाले लोग हम पर हमला करने की शाजिश कर रहे हैं | इसीलिए हमें जल्द से जल्द खुद को तैयार करना होगा |"
तभी एक गांव का एक व्यक्ति बोलता है कि "हमने तो सदियों पहले योद्धा वाला रास्ता छोड़ दिया अब हम सभी किसानी करते हैं, हम उनका सामना कैसे कर...