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इतिहास में पढ़ाया नहीं गया।
"इतिहास में पढ़ाया नहीं गया "यह वाक्य सुनकर हैरत होने लगी है अब। हफ्ते में एक बार तो ऐसी पोस्ट पढ़ने को मिल जाती है। कुछ दिन पहले एक पोस्ट में बाजीराव पेशवा को नहीं पढ़ाया गया। उससे पहले एक पोस्ट और थी जिसमें महाराणा प्रताप को अनदेखा किया जाता रहा है। लक्ष्मी बाई और पृथ्वीराज चौहान को तो कोई जानता ही नहीं।
अगर नहीं जानता तो मुझे कैसे पता है? इनके इलावा गुप्त साम्राज्य, मौर्य साम्राज्य, हर्षवर्धन , कनिष्क, पुष्यमित्र,दक्षिण भारत के राजा कृष्णदेव राय।चाल्लुक्य वंश, पल्लव वंश, चोल वंश, पाण्डेय वंश, राष्ट्रकूट वंश।
इन सबके बारे में अगर पढ़ाया नहीं गया तो मुझे कैसे मालूम है। राजपूतों की उत्पत्ति पर पूरा एक चैप्टर है जिसे पढ़कर मेरा दिमाग भन्ना गया था जबकि मैं खुद राजपूत हूं और लोग कहते हैं कि इतिहास में राजपूत राजाओं की अनदेखी हुई है और मुगलों को पढ़ाया गया है।
तो बात यह है साहब कि इतिहास में क्रमवार तरीके से सबको पढ़ाया गया है बस आपने पढ़ा नहीं है क्योंकि जब पढ़ाया जा रहा था तब आप खेलकूद, शरारतों या किसी हसीना के ख्यालों में खोए रहे होंगें। या फिर आप स्कूल घास छीलने जाते होंगें।
सच बात तो यह है कि हम उन्हीं बातों को याद रखते हैं जिनमें हमें दिलचस्पी होती है बाकियों को हम दिमाग से झिटकते चले जाते हैं।
क्योंकि मैंने इन सब वीर-विरांगनाओं को इतिहास की किताब में पढ़ा है और पढ़ाया भी है और जबसे यह लेख लिखना शुरू किया तबसे 70-80 लोगों जिनमें सातवीं कक्षा से लेकर स्नातक स्तर के विद्यार्थी हैं और वे भी जिन्होंने अपनी पढ़ाई हाल ही में पूरी की है और जिन्हें एक अरसा हो चुका है ज्यादातर को ये भी याद नहीं कि उन लोगों ने पढ़ा क्या था और जिन्हें याद हैं वे कहते हैं कि उन्होंने बाकायदा पढ़ा है हिन्दू राजाओं को। तो वे लोग कौन हैं? जिन्हें इतिहास में हिंदू राजाओं को पढ़ाया नहीं गया और जिन्हें यह लगता है कि हिंदू राजाओं की अनदेखी हुई है।
इतिहासकारों और इतिहास पर दोषारोपण करने के बजाए अपने सत्ताधीशों , अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से पूछिए कि विगत वर्षों में उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या किया है? उनसे पूछिए कि अंग्रेजों के शहरों को दिए नामों के अलावा उनकी दी हुई शिक्षा व्यवस्था में उन्हें कोई खराबी नज़र नहीं आती। प्रश्न चिन्ह इतिहास पर नहीं अपनी शिक्षा व्यवस्था पर उठाइए जिसे गुलाम पैदा करने के लिए बनाया गया था और जो पिछले 200 सालों से गुलाम ही पैदा कर रही है। पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे अब धर्म,जाति, रूढ़िवादी सोच और सत्ता के गुलाम हैं।

© khak_@mbalvi