Tarzan A wanderful Car
एक आदमी अपने दफ़्तर से थका हारा पूरा दिन काम करने के बाद घर लौट रहा था......।
रास्ते में अचानक उसकी गाड़ी खराब हो गयी...।
रात काफी थी..
एकदम घना अंधेरा था...धूप्प
मोबाइल का नेटवर्क भी नहीं था आस पास....
उसकी हालत बिलकुल खराब...
ना कोई आगे, ना दूर दूर तक कोई पीछे ...एकदम सन्नाटा औऱ ख़ामोशी......
अब उसने कोई उपाय न देख मज़बूर होकर अपनी गाड़ी साइड में लगा दी और लिफ्ट के लिए किसी दूसरी गाड़ी के आने का इंतजार करने लगा...
काफी देर इंतज़ार के बाद उसने देखा कि एक गाड़ी बहुत धीमे धीमे उसकी ओर बढ़ रही थी...बिलकुल आहिस्ता आहिस्ता.....
उसे आते देख उसकी जान में जान आयी औऱ वो मन ही मन...
रास्ते में अचानक उसकी गाड़ी खराब हो गयी...।
रात काफी थी..
एकदम घना अंधेरा था...धूप्प
मोबाइल का नेटवर्क भी नहीं था आस पास....
उसकी हालत बिलकुल खराब...
ना कोई आगे, ना दूर दूर तक कोई पीछे ...एकदम सन्नाटा औऱ ख़ामोशी......
अब उसने कोई उपाय न देख मज़बूर होकर अपनी गाड़ी साइड में लगा दी और लिफ्ट के लिए किसी दूसरी गाड़ी के आने का इंतजार करने लगा...
काफी देर इंतज़ार के बाद उसने देखा कि एक गाड़ी बहुत धीमे धीमे उसकी ओर बढ़ रही थी...बिलकुल आहिस्ता आहिस्ता.....
उसे आते देख उसकी जान में जान आयी औऱ वो मन ही मन...