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सम्मान- एक प्रक्रिया

मैं वास्तव मैं बेहद खुश हूं कि मुझे डिजिटल साहित्य और रचनात्मक लेखन के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया हैं- स्टोरीमिरर ओथर ओफ द ईयर अवार्ड- 2021 । स्टोरीमिरर पाठकों और लेखकों के लिए भारत का सबसे बड़ा बहुभाषी मंच है और मुझे वास्तव में गर्व है कि मैं नामांकित किए गए लेखकों में 2 % लेखकों में से हूं । इसलिए यह सम्मान मुझे प्राप्त हो या ना हो लेकिन आदर-सम्मान ज़रूर मिलेगा । क्योंकि उन प्रत्येक पाठकों में शुक्र गुजार हूं जिन्होंने मुझे गहराइयों पूर्वक पढ़ा और विशेष टिप्पणी के माध्यम से प्रोत्साहित किया । क्योंकि ऐसी छोटी-छोटी चीजें हमें अक्सर जीवन में प्रोत्साहित करतीं हैं, इसलिए ऐसी खुशियों परस्पर बांटने या साझा करने से वह अधिक बढ़ती है और औरों को भी वह प्रेरणा स्रोत तथा उत्साहवर्धक का मार्ग सुनिश्चित करती हैं । स्वयं की प्रतिभा को अधिक निखारने के लिए, नये विचारधारा को प्रस्फुटित करने, साहित्य के प्रति अभिरुचि बढ़ाने के लिए यह एक उत्तम उदाहरण प्रस्तुत करता है ।

साहित्यिक क्षेत्र में मैंने छोटे सम्मान पत्र असंख्य प्राप्त किए, इसलिए यह मेरे लिए सम्मान और गर्व की बात हैं, क्योंकि मैं अभी युवा लेखक या कवि हूं इसलिए यह यात्रा मेरे लिए अभी-अभी प्रारंभ हुई हैं ऐसा हर रोज सोचता हूं ताकि कुछ नया, कुछ अलग सीख सकूं । जो मुझ में मौजूद हैं कमियां उसे निरंतर सुधार कर सकूं । क्योंकि कोई भी मनुष्य पूर्ण रूप से संपन्न नहीं होता इसलिए हमें अपने सृजनात्मक कल्पनाशक्ति को वक़्त और हालात के साथ योग्य दिशा में ढ़ालना पड़ता है । यहां हम सभी दिन-प्रतिदिन नया सिखते है, जानते है, पढ़ते हैं, सोचते हैं, लिखते हैं लेकिन हमारे साथ या आसपास कुछ रोज़मर्रा की घटनाएं अवश्य बनती है बस इन प्रत्यक्ष घटनाओं पर ध्यान केन्द्रित करके निरीक्षण या विश्लेषण करने की आवश्यक हैं जिसमें निःसंदेह आपको एक अच्छी कहानी उपन्यास, लघुकथा या आर्टिकल का मूलभूत स्त्रोत प्राप्त होगा । जो आपकी लेखन प्रक्रिया को सृजनात्मक कला को बाहर लाएगा । बस स्वयं पर विश्वास रखिए ।

जीवन में जिस तरह पद और ओहदा स्थायी नहीं रहता इस तरह सम्मान भी एक निरंतर प्रक्रिया है जो वक़्त के साथ बदलता रहता है और श्रेष्ठ कार्य से व्यक्ति का चुनाव करता हैं । बस अपने कार्य पथ पर अडिग रहना है, चुनौतियां और संघर्ष से लड़कर स्वयं को बेहतर बनाना है । आज नहीं तो कल आप अवश्य सफल होंगे, बस मन-मस्तिष्क में विश्वास होना चाहिए ।

साहित्य समाज का यथार्थ दर्पण है जो लोगों की संस्कृति और परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है जो विविध प्रांत या समुदाय के लोगों की परिभाषा, रोज़मर्रा लोगों की घटनाएं तथा जीवन-शैली को वास्तविक, सृजनात्मक दृष्टि से मुक्त अभिव्यक्ति का माध्यम बनती हैं, साहित्यिक क्षेत्रों को उजागर करने लिए । निरंतर बदलाती जीवन प्रक्रिया को मध्य नज़र रखते हुए लेखक की दृष्टि को विस्तृत अवसर प्रदान करतीं हैं ।

साहित्य शब्द को सटिक परिभाषित करना अत्यंत कठिन हैं । जैसे पानी का कोई आकार या आकृति नहीं, जिसे योग्य सांचे में डालो तो वह ढल जाता है, उसी तरह तरल है यह शब्द संरचना । कविता, कहानी, उपन्यास, लघुकथा, नाटक, निबंध, रिपोर्ताज, जीवन रेखाचित्र, यात्रा-वृत्तान्त ऐसे अनगिनत सांचे है । शब्द की परिभाषा इसलिए भी कठिन हो जाती है । जिसको अपनी अभिव्यक्ति या सृजनात्मक लेखन कार्य से एक दिशा प्रदान कर सकते हैं लेकिन उसे बांध नहीं सकते, वो विस्तृत है, उसकी विचारधारा अकल्पनीय-अविश्वसनीय है जिसके बारे जितना भी लिखें इतना भी कम है । क्योंकि वो वक्त के प्रभाव में निरंतर परिवर्तित करती प्रक्रिया है । बस हमें उनके अनुकूल ढलकर विचारधारा को प्रस्तुति का प्रावधान मिल जाता है ।

- शेखर खराड़ी
६/१/२०२२
© -© Shekhar Kharadi