प्रकृति और उसकी समृद्धि
शायद समृद्धि एक छोटा शब्द होगा प्रकृति की बहुलता को दर्शाने के लिए।रचयिता ने कितना सुंदर रचना की है प्रकृति नामक इस काव्य की।प्रकृति के हर एक कण में छिपी है अपूर्व सुंदरता।न जाने कितने प्रजातियों की जीव–जन्तु , पेड़–पौधे से भरपूर है ये दुनियां।ऐसे ऐसे चमत्कारी चीज़ें छिपी हुई है हमारी प्रकृति में जो हमारी सोच से परे है।
जब इस भीड़–भाड़ की जीवन से थोड़ा विराम मिलता है तो हम इस सुंदर प्रकृति का लुप्त...
जब इस भीड़–भाड़ की जीवन से थोड़ा विराम मिलता है तो हम इस सुंदर प्रकृति का लुप्त...