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माता-पिता के एहसान तले कुछ विवाह
आज के समय में भी लोग इतने विकसित होते हुए भी एक दबाव के आगे दब जाते हैं
जहां लोग चांद पर पहुंच गए हैं और बड़े-बड़े आविष्कार कर रहे हैं
जहां लोग खेत खलियान से निकलकर शहरों में आकर बड़े-बड़े उद्योग धंधे एक बड़े पैमाने पर चला रहे हैं
जहां हर भारतीय धीरे-धीरे सशक्त और साक्षर बनता जा रहा है
हमारा भारत डिजिटल भारत बन गया है
वहां मान सम्मान रूपी दबाव कुप्रथा एक बड़े पैमाने पर फैली हुई है
जहां एक लड़का या लड़की की शादी जैसे पवित्र बंधन का निर्णय उनके माता-पिता कर देते हैं
बिना उनकी सलाह के
जहां एक लड़का किसी को प्यार करता है तो उनके माता-पिता उसका समर्थन नहीं करते हैं
उनके लिए समाज में उनकी झूठी मान प्रतिष्ठा आड़े आ जाती है
जात पात दहेज इन सब की वजह से लड़का लड़की की शादी करा दी जाती है
जिसका खामियाजा लड़का या लड़की को
भुगतना पड़ता है
शादी की पहले जो लड़का किसी और से प्यार करता था
वह शादी के उस बंधन को बेमन से निभाता है
कुछ समय बाद उस लड़के के पास उसी लड़की का मैसेज आता है जिससे वह पहले प्यार करता था
ये सब देख कर उसकी पत्नी बहुत दुखी होती है और अपने पति पर नाराज होने लगती है
वह यह सब देख कर बहुत दुखी होती है रोते हुए वह अपने पति से कहती है अगर तुम किसी और से प्यार करते थे तो मुझसे शादी क्यों की
वह अपने पति से कहती है कोई बात नहीं जो हुआ सो हुआ लेकिन अब तुम्हारा पास्ट फ्यूचर में कभी भी नहीं आना चाहिए
जिस तरह मै पूरी ईमानदारी से इस रिश्ते को निभा रही हूं ठीक उसी प्रकार तुम को भी इस रिश्ते को पूरी ईमानदारी से निभाना होगा
जब इस तरह के मोड़ किसी की जिंदगी में आते है उन रिश्तो में वह मान सम्मान एक दूसरे के प्रति प्रेम नहीं रहता
इसलिए हाथ जोड़कर उन मां-बाप को निवेदन है
बिना बच्चों की सहमति के उनका विवाह जैसे पवित्र बंधन में जबरन बांधने की कोशिश ना करें
इस तरह के विवाह समाज में जहां कहीं भी होते हैं मैं उन विवाह का खंडन करती हूं ।।
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