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BACHPAN KA VADA
CHAPTER 29

निशा की बात सुनकर आरव बोलता हैं क्या तुम्हें सब पता चल गया लेकिन तुम्हें बताया कौन। निशा बोलती है मुझे सब पता

चल गया और तुम्हें क्या लगा मुझे पता नहीं चलेगा। आरव हैरान होते हुए बोलता है लेकिन तुम्हें कैसे सब पता चला। तो निशा

बोलती है किसी से भी पता चला हो तुम्हें क्या। तुम्हें तो हमारे प्यार में भरोसा ही नहीं था इसलिए तुम मुझे कुछ बताना नहीं

समझा ।तो आरव बोलता है लेकिन मैं तुम्हें कैसे कुछ बता पता ।हमारे ऊपर इतना मुसीबत था और मैं तुम्हें कोई मुसीबत में

नहीं डालना चाहता था ।तो निशा आरव के ऊपर चिल्लाकर कर बोलती है क्या तुम मुझे कोई मुसीबत में नहीं डालना चाहते थे

।तुम्हें यह सोच भी कैसे सकते हो हमएक दूसरे से प्यार किया था। आरव अगर एक पर मुसीबत आती तो दूसरा जरूर उसका

साथ देगा ।अगर मेरे ऊपर कोई मुसीबत आती तो मुझे पूरा यकीन है कि तुम मेरा साथ कभी नहीं छोड़ोगे। लेकिन तुम्हें मेरे

ऊपर भरोसा ही नहीं था इसलिए तुमने अकेले ही सारी मुसीबत का सामना करना चाहा। अगर तुम मुझे सब बता देते तो मैं

तुम्हें मरते दम तक साथ नहीं छोड़ती ।लेकिन तुमने मुझे इसके काबिल भी नहीं समझा और मुझसे ब्रेकअप ही कर लिया।

अगर तुम मुझसे दूर ही जाना चाहते हो तो ठीक है मैं तुम्हें कभी भी अपना चेहरा नहीं दिखाऊंगी इतना बोलते ही वह कमरे से

जाने लगती है। तभी आरव निशा का हाथ पकड़ते हुए घुटनों पर बैठते हुए बोलता हैमुझे माफ कर दो ।मैं तुम्हारे बिना एक पल

भी नहीं रह सकता। तुम सोच भी नहीं सकती तुमसे दूर होने पर मेरी क्या हालत थी। प्लीज मुझे छोड़कर मत जाओ मैं तुम्हारे

बिना नहीं रह सकता। आरव की बात सुनकर निशा आरव को उठकर गले से लगाकर रोने लगती है और बोलती हैं अगर फिर

से तुमने ऐसा किया तो मैं तुम्हें हमेशा के लिए छोड़ कर चली जाऊंगी। आरव निशा का आंसू पोंछकर बोलता है मैं पागल हूं जो

मैं फिर से ऐसा करूंगा ।अगर तुम मुझे छोड़ना भी चाहो तो तुम्हें मुझे छोड़ने नहीं दूंगा ।बस अपने प्यार से तुम्हें बांध के रखूंगा।

फिर दोनों के आंखों मैं आंसू होते हुए भी वह खुशी से हंसने लगते हैं। उधर शेखर पॉरिज खत्म करके मानवी से बोलता है थैंक

यू इतना अच्छा पॉरिज बनाने के लिए। मानवी बोलती है कोई बात नहीं फिर दवाई देते हुए बोलती है अब तुम दवाई खाकर

आराम करना ।शेखर दवाई लेकर खा लेता है तभी उसके दरवाजे पर कोई बेल बजाता है। शेखर मानवी से बोलता है तुमने

कुछ मंगाया है क्या ।तो मानवी बोलती है नहीं मैंने कुछ नहीं मंगाया है ।तो शेखर बोलता है तो कौन आया होगा । मानवी शेखर

से बोलती है मैं अभी देखती हूं ।मानवी दरवाजा खोल कर देखती है तो अमन आया था। अमन को देखते हुए मानवी अमन को

अंदर बुलाती है। अमन अंदर आते हुए वह बोलता है क्या वह अभी ठीक है ।तो मानवी बोलती है हां वह अभी खाना खाकर

दवाई लि है।अमन शेखर के पास आते हुए बोलता है अब कैसे हो तुम । शेखर अमन को देखकर बोलता है हां मैं अभी ठीक

हूं। त मानवी अपना बैग उठाते हुए बोलती है मैं अब चलती हू, वरना मुझे देर हो जाएगी ।तो शेखर कुछ बोलना चाहता था

लेकिन कुछ नहीं बोलता और बस मानवी को बोलता है ध्यान से घर जाना ।मानवी शेखर की बात सुनकर बोलती है ठीक है।

फिर शेखर और अमन को बाय करके चली जाती है ।शेखर मानवी को जाते देखकर मन में बोलता है ये मैं क्या करने जा रहा

था मैं कैसे उसे रूकने को कह सकता था ।अमन शेखर को उदास देखकर बोलता है तुम्हें क्या हो गया अभी तो ठीक थे । फिर

इतना उदास क्यों लग रहे हो लगता है मानवी के जाने से उदास हो । शेखर बोलता है तुम पागल हो क्या मैं क्यों मानवी के जाने

से उदास होउंगा ।तो अमन बोलता है एक बात बोलूं तुम बुरा तो नहीं मानोगे। तो शेखर बोलता नहीं मैं क्यों बुरा मानूंगा तुम

बोलो ना। अमन बोलता है तुमने निशा से क्या देखा कि तुम इतना पसंद करते हो ।तो शेखर बोलता है तुमने यह अचानक क्यों

पूछा। तो अमन बोलता है इसलिए क्योंकि जब मैं तुम्हारा तबीयत के बारे में निशा को बताया तो। उसे तुम्हारी कोई परवाह ही

नहीं हुई यह भी नहीं पूछा कि तुम कैसेहो। वही मैं जब मानवी को बताया तुम्हारे बारे में तो वह तुम्हारे लिए बहुत परेशान हो गई

थी। उसने तुरंत मुझसे तुम्हारा एड्रेस पूछ कर तुरंत चल गई थी ।उसे देखकर लग रहा था कि वह तुम्हारा कितना परवाह करती

है ।मुझे मानवी को इतना परेशान देखकर तो बिल्कुल नहीं लग रहा था कि एक दोस्त दूसरे दोस्त काइतना प्रवाह कर सकता

है ।मुझे नहीं लगता मानवी तुम्हें दोस्त मानती है इतना तो वही कर सकता है जिससे आप बहुत प्यार करते हो। अमन की बात

सुनकर शेखर बोलता है तुम कुछ ज्यादा ही सोच रहे हो। मानवी ने खुद कहा है की वो मेरी एक अच्छी दोस्त है मुझे नहीं लगता

मानवी मुझसे प्यार करती होगी। तो अमन शेखर को बोलता है तुम मुझे समझा रहे हो या अपने आप को ।मैं तुम्हें देखकर बता

सकता हूं तुम भी कहीं ना कहीं मानवी को पसंद करते हो ।तो शेखर बोलता है हां मैं मानवी को पसंद करता हूं बस एक दोस्त

की तरह ।तो अमन खड़े होते हुए बोलता है एक बार अपने दिल से पूछो कि तुम मानवी को दोस्त समझते हो की दोस्ती से

ज्यादा ।मैं एक बात तुमसे कहना चाहता हूं मानवी से ज्यादा तुम्हें कोई और प्यार नहीं कर सकता ।एक बार तुम जरूर सोच

लेना कि तुम किसे पसंद करते हो मानवी को या निशा को इतना बोलकर अमन बोलता है अब मैं चलता हूं। तुम्हें देखकर

लगता है तुम्हें थोड़ा आराम करना चाहिए। अमन के बात सुनकर शेखर कुछ बोल ही नहीं पता है.............

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© Mahiwriter