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दोस्ती या प्यार (3)
,,,,,अब तक आपने तीन दोस्तो के रिश्तों के उतार चढ़ाव देखे है लेकिन उनमें दीपक ओर चारु का रिश्ता बहुत सच्चा सा लगा है दीपक चारु का खयाल बिल्कुल दोस्त की तरह ही रखता था सच्चा प्यार है ,,,, दीपक ने अपनी कंपनी में चारु को बुला लिया अब वो साथ काम करने लगे थे और दोनों खुश थे जैसे बचपन में थे । चारु का मन अब दीपक को अपनाने लगा था प्यार के रूप में,,,, कुछ दिन यूहीं बीतते गए एक दिन वो दोनो काम से बाहर गए तो वहां उन्होंने राहुल को देखा जो बहुत उदास टूटा हुआ सा था। उसने अबकी बार चोट खाई हो ऐसा लग रहा था। उसने उन दोनों को देखा भाग कर उनके पास आया और हाल चाल पूछा चारु के सामने मानो सब कुछ घूमने लगा फिर से,,,,, दीपक ने पूछा क्या हुआ है तुम्हे ठीक हो तुम? उसने कहा हा ठीक ही हूं रश्मि मुझे छोड़ कर चली गई है क्यूंकि जॉब नहीं है अब मेरे पास ,,, उसको इतना टाइम दिया मैने ओर सब खो दिया जॉब दोस्त घरवाले सब,,, किसी को कुछ नहीं समझा मैने उसके आगे,,, मेरी एक छोटी सी गलती की वजह से जॉब चली गई और वह अपने घर गई क्यूंकि उसका खर्चा उठाने के पैसे नहीं थे,,,,, शायद वो प्यार नहीं करती थी मेरे पैसे की वजह से ही थी मेरे साथ,, ओर में एकतरफा प्यार करता रहा उससे हमेशा,,,, इतना बोल कर वो रूआंसा हो गया ,,,, दीपक चारु ने उसको संभाला और बोले तुम फिक्र मत करो हम हेल्प करेंगे तुम्हारी,,, दीपक ने कहा तुम मेरे पास काम करो जिस भी पोस्ट पर तुम चाहो,,,, राहुल ने चारु से नजर भी नहीं मिलाई वो शर्मिंदा था बहुत उसने माफी भी मांगी लेकिन चारु ने कहा छोड़ो पुरानी बातो को,,,, राहुल को सब पता था कि चारु उसको पसंद करती है फिर भी उसने हर बार उसका दिल तोड़ा,,, राहुल बहुत ही गिल्ट फील करता था कि उसने एक लडकी के लिए अपने दोस्तो को छोड़ दिया वो अब किसी भी कीमत पर उनको खोना नहीं चाहता था। उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था,,,,। एक दिन उसने दीपक से कहा कि मैने चारु का दिल दुखाया है में अब उसे हर खुशी देना चाहता हूं ,,, तुम बोलो चारु को की मुझे माफ़ करदे ओर मुझसे शादी करके एक नई शुरुआत करे,,,, दीपक बिल्कुल चुप ही रहा,, उसने बस इतना ही कहा कि चारु को कभी रोने मत देना राहुल,,,,,, वो कितनी बार अपने दिल को समझाएगा फिर भी मन ही मन खुश था कि कम से कम चारु को तो अपना प्यार मिल जाएगा उसकी हर खुशी वापस आ जाएगी ,,, ये सोचते हुए वह चारु की तरफ जाने लगा उसने ऑफिस में उसको हर जगह देखा थी नहीं वो वहां पर। वो बाहर बैठी थी राहुल के साथ उसने सारी बाते सुन ली थी उन दोनों की ,,,,,,, दीपक को पहली बार दर्द का एहसास हुआ आज चारु को राहुल के पास देख कर लेकिन उसने खुद को समझाया की हर चीज को हम पा नहीं सकते पर उसे सही जगह पहुंचा कर संतुष्ट तो हो सकते है चारु आज सही जगह है अपने प्यार के पास ,,,, वो वहा से जाने लगा तभी चारु ने जोर से आवाज लगाई उसे,, दीपक यहां आओ,,,,। दीपक वहा गया तो राहुल चारु बहुत खुश लग रहे थे चारु ने कहा दीपक तुम्हे पता है आज मुझे मेरा सच्चा प्यार मिल गया है,,,,, राहुल को भी बता दिया मैने,, ओर थैंक्यू भी बोल दिया क्योंकि उसकी वजह से आज मेरी खुशी वापस आ गई और में एक सही निर्णय ले पाई,,,,,,, दीपक ने कहा हा अच्छा ही है ये तो में तुम्हे बताने आ ही रहा था । चारु ने कहा तुम ओर कितना करोगे मेरे लिए अब मेरी बारी है ,,,,। में कुछ समझा नहीं,,, दीपक ने कहा ____ चारु ओर राहुल दोनों हसने लगे ओर चारु एकदम से आकर दीपक के गले लग गई ,,, दीपक की आंखो में आंसू थे तभी चारु ने कहा ,,,,चले दीपक अपने घर। मुझे पता है कि तुम मुझे कभी रोने नहीं दोगे। ,,,, यही है अपने सपनों का घर,,,,, अब दीपक को कुछ भी कहने की जरुरत नहीं थी उसकी तपस्या सफल हो गई थी। राहुल भी अब खुश था सच्चे चाहने वालो को मिलाकर ,, अब उसके दोस्त उसके पास रहने वाले थे हमेशा के लिए,,,, दीपक ओर चारु की दोस्ती अब प्यार में बदल गई थी थोड़ा टाइम लगा उनको लेकिन लंबे समय तक चलने वाला रिश्ता बन गया था उनका,,,, चारु ने धीरे से दीपक से बोल दिया मुझे तुमसे प्यार है दीपक,,,,,,, दीपक आज बहुत खुश है,,,,,,, उन तीनों को ही प्यार का एहसास हो चुका था सच्चे रिश्ते का दोस्ती का ,,, अगर सच्चा रिश्ता एक बार चला जाता है हमारी गलती की वजह से तो फिर उसको पाना नामुमकिन हो जाता है इसलिए सब अपने रिश्तों को संभालिए उनकी भावनाएं समझिए कही बाद में हमें पछताना ना पड़े,,,,,,,👫
© #mohini