...

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मोहब्बत-8
उसने डॉक्टर की तरफ देखा।डॉक्टर उन्हें बाहर ले आये,"इसकी प्रॉब्लम बढ़ गयी है।इसके लिए डॉ शर्मा से बात करनी पड़ेगी।वो ही बताएंगे कि क्या करना है।मैं उन्हें फ़ोन करता हूँ।"
माँ खड़ी रोती रही।अब वो सिर्फ ऋषि से बात करती थी ,बाकि किसी को पहचानती नही थी।शाम को डॉ शर्मा उसे चेक करने आए, उन्होंने ऋषि को भी बुला लिया था।मीना भी वही थी।
डॉ शर्मा ने शिया से पूछा,"ये कौन सा साल है?बता सकती हो।"
शिया उनके मुहं की ऒर देखती रही फिर ऋषि से बोली,"हमें हमारे देश जाना है।हमें यहाँ नही रहना ।शक्ति आप हमें कहाँ ले आए?"
डॉ ने ऋषि को इशारा किया और बाहर आ गए।डॉ ने कहा ,"तुम हमें इससे बात करने में मदद करो। मैं तुम्हें लिख कर दूंगा तुम इससे पूछना।फिर ऋषि को अंदर भेज कर उन्होंने पेज पर कुछ लिखा और अंदर आ कर पेज चोरी से ऋषि को दे दिया।
ऋषि ने पेज खोल कर पढ़ा।फिर शिया से पूछा,"शिया तुमसे कुछ पुछू देखू तुम्हें कुछ याद भी है?"
शिया ने हां में सर हिलाया।
"अच्छा ये बताओ ,हम कहाँ मिले थे?"
"हम तुमसे पहली बार पिताजी की सालगिरह पर मिले थे।जब तुम गांव की और से उपहार लाये थे ।"शिया ने आँखों में चमक के साथ कहा।
ऋषि ने फिर पूछा,"अमर सिंह कौन है?"
"आप भी कैसे कैसे सवाल पूछ रहे है भला हम अमर सिंह को नही जानते।वो हमारे राज्य के मुख्य सेनापति थे। उन्हें आप पसंद नही हैं वो आपको मार डालेंगे।" इतना कह कर वो चिल्लाने लगी और बेहोश हो गयी। डॉक्टर ने जल्दी से इंजेक्शन लगाया।

to be continued......