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palmistry
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(हस्तरेखा शास्त्र)

हस्तरेखा शास्त्र वह विज्ञान है। जिसमें मनुष्य के हाथ की संरचना को देखकर उसकी आदतों प्रवृत्तियों एवं उसके भविष्य के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है।

हस्तरेखा विज्ञान का आधार हाथ की बनावट है और इस विज्ञान का पूरा विकास उंगलियों की जड़ में बने उभारों जिन्हें हम पर्वत कहते हैं, से स्पष्ट होता है।

मनुष्य का हाथ -

मनुष्य का हाथ व्यक्ति के चरित्र का पता लगाने में सबसे बड़ा सहायक है। मनुष्य का हाथ कई प्रकार का होता है। जिसे देखकर हम पहचान सकते हैं कि व्यक्ति किस प्रकार का है।

जैसे कि -
मानसिक हाथ
कलात्मक हाथ
उपयोगी हाथ
आवश्यक हाथ
दार्शनिक हाथ
आरंभिक हाथ

पर्वत -

हाथों में भिन्न-भिन्न प्रकार के पर्वत पाए जाते हैं। जिनके अध्ययन से हम किसी भी व्यक्ति के चरित्र का अच्छे से पता लगा सकते हैं।

जैसे -
गुरु पर्वत, शनि पर्वत, सूर्य पर्वत, बुध पर्वत, शुक्र पर्वत, चंद्र पर्वत, राहु पर्वत, केतु पर्वत, निम्न मंगल, उच्च मंगल।

जो पर्वत सामान्य उभरे हुए, बिना कटे-फटे, चमकदार त्वचा लिए हुए, हल्के लाल रंग और अच्छे चिन्ह लिए हुए होते हैं। वे हाथ सामान्य रूप से अच्छे माने जाते हैं।

हाथों के द्वारा हम व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों समय का पता लगा सकते हैं कि यह समय कैसा है और आने वाला समय कैसा होगा।

इसके अतिरिक्त हाथ का आकार, उसकी बनावट, उसमें उंगलियों और अंगूठे की बनावट, हाथ की त्वचा की संरचना, हाथ का रंग, नाखूनों का आकार, हाथों के ऊपर के बाल और हाथों की रेखाओं से व्यक्ति के संपूर्ण हाथ का अध्ययन किया जाता है। जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति के चरित्र का पता आसानी से लगाया जा सकता है।

हाथों की रेखाएं -

हाथों में कई प्रकार की रेखाएं होती हैं। जिनमें से कुछ मुख्य रेखाएं होती हैं। जो लगभग सभी के हाथों में पाई जाती हैं।

जो कि इस प्रकार है -

जीवन रेखा
मस्तिष्क रेखा
हृदय रेखा
भाग्य रेखा

इसके अलावा हाथों में और भी कई प्रकार की रेखाएं पाई जाती हैं। ये रेखाएं मनुष्य के हाथों में अलग-अलग प्रकार से पाई जाती हैं। किसी के हाथों में कहीं से निकलती है तो किसी के हाथों में कहीं और से।

ये रेखाएं जहाँ से निकलती है और जहाँ को जाती हैं। वहां की विशेषताओं और गुणो दर्शाती हैं। इनमें से कुछ रेखाएँ ऐसी भी होती हैं जो हमारे अवगुणों को दर्शाती हैं।

यह रेखाएं कटी-फटी, छोटी-बड़ी, गहरी, हल्की, टूटी हुई आदि प्रकार की होती हैं।

मनुष्य के हाथों की रेखाएं सामान्य रूप से बदलती रहती हैं। जो मुख्य रेखाएं होती है। वे तो वैसी ही होती हैं लेकिन बाकी की जो रेखाएँ है। वे समय-समय पर, तीन से चार महीनों में बदलती रहती है।

जब यह रेखाएं बदलती है तो यह मनुष्य के जीवन में होने वाले बदलाव को दर्शाता हैं।

चिन्ह -

संपूर्ण हाथ में रेखाओं और पर्वतों के अलावा कई प्रकार के चिन्ह भी होते हैं। जो व्यक्ति के भाग्य, गुणो, अवगुणों और उसकी विशेषताओं को दर्शाते हैं।

जैसे -
वृत्त, वर्ग, बिंदु, द्वीप, कोण, त्रिभुज, गुणा चिन्ह, रेखा जाल आदि कई प्रकार के चिन्ह हाथों में पाए जाते हैं।





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